गेहूं की सुनहरी बालियों से लहराते खेत और खेतों में दौड़ती आधुनिक मशीनें, ये नजारा अब गांव की नई तस्वीर बन चुका है. अब कटाई का काम सिर्फ दरांती और हाथों से नहीं, बल्कि स्मार्ट मशीनों से हो रहा है. किसानों की मेहनत को कम और मुनाफे को ज्यादा करने के लिए सरकार ने मैदान में उतारी है कंबाइन हार्वेस्टर मशीन. लेकिन ये सिर्फ मशीन नहीं, खेती में क्रांति की एक नई शुरुआत है, जिसमें सब्सिडी की मदद से किसान अब बड़े सपने देखने लगे हैं. इसके लिए सरकार ने कृषि मशीनीकरण उप-मिशन (SMAM) योजाना भी चलाई है. तो चलिए जानते हैं, मशीन और योजना से जुड़ी बातों को.
लघु-सीमांत किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी
केंद्र सरकार की कृषि मशीनीकरण उप-मिशन (SMAM) योजना के तहत किसान अब कंबाइन हार्वेस्टर मशीन पर भारी सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति(SC/ST), महिला और लघु-सीमांत किसानों को 50 फीसदी या अधिकतम 11 रुपये तक की सहायता मिल रही है. वहीं, सामान्य वर्ग के किसानों को 40 फीसदी या अधिकतम 8.80 लाख तक की सब्सिडी दी रही है. सरकार का यह पहल खेती को आसान, तेज और तकनीक आधारित बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.
5.50 लाख से 27 लाख रुपये तक कीमत
कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत कि बात करें तो बाजार में यह लगभग 5.50 लाख रुपये से शुरू होकर 27 लाख तक में मिल रहा है. वहीं देखा जाए तो बाजार में प्रीत, हिंद एग्रो, क्लास, दशमेश जैसे नामी ब्रांड्स की मशीनें किसानों के लिए उपलब्ध हैं.
आवेदन के लिए करें ये काम
आवेदन के लिए किसान https://agrimachinery.nic.in वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करें. ध्यान रहे, खरीदारी जिले के रजिस्टर्ड डीलर से ही करनी होगी, तभी सब्सिडी मिलेगी.
योजना का लाभ उठाने लिए ये दस्तावेज जरूरी
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- निवास व आय प्रमाण-पत्र
- खेत के कागजात
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर (आधार से लिंक)
कैसे काम करती है कंबाइन हार्वेस्टर?
कंबाइन हार्वेस्टर खेती की तीन बड़ी चुनौतियों को एक झटके में हल करता है, कटाई, थ्रेसिंग और सफाई. इस मशीन के बारे में आपको बता दूं कि इसके आगे लगा हेडर गेहूं की बालियों को काटता है, फिर थ्रेसिंग ड्रम के जरिए अनाज को भूसे से अलग करता है. इसके बाद हवा की मदद से मिट्टी-कंकड़ अलग होते हैं और साफ-सुथरा गेहूं सीधे मशीन के टैंक में जमा हो जाता है.