तमिलनाडु के धरमपुरी में कृषि विभाग की तरफ से एक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों का उत्साहवर्धन किया जा रहा है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सदस्यों ने ‘एग्रीस्टैक’ पोर्टल के माध्यम से जिले में ई-कृषि को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं. इस पोर्टल पर 1 लाख से अधिक किसानों ने नामांकन भी कराया है. यूं तो इस पोर्टल की शुरुआत केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से की गई है, लेकिन इस पोर्टल पर ज्यादा से ज्यादा किसानों के रजिस्ट्रेशन के लिए धर्मपुरी कृषि विभाग कई तरह के प्रयास कर रहा है.
क्या है एग्रीस्टैक पोर्टल
एग्रीस्टैक केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से शुरु किया गया एक एक डिजिटल पोर्टल है. यह देश भर के किसानों को डेटा-बेस्ड सर्विसेज मुहैया कराता है. इसे यह सुनिश्चित करने के लिए भी डिजाइन किया गया है कि कई सेवाओं के लाभ किसानों तक कुशलतापूर्वक और तेजी से पहुंचें. एग्रीस्टैक के तहत किसानों को किसान रजिस्ट्री में अपनी डिटेल्स फीड करनी होगी जिसमें किसान की भूमि का पूरा विवरण, भू-संदर्भित गांव मानचित्र रजिस्ट्री और फसल सर्वे जैसी जानकारियां शामिल होंगी. एक बार पूरा हो जाने पर, पंजीकृत किसानों को एक विशिष्ट आईडी प्रदान की जाएगी जो उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए निर्देशित करेगी.
कैसे काम करेगा Agristack
अखबार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने कृषि उपनिदेशक वी गुनासेकरन के हवाले से बताया, ‘भविष्य में किसानों को किसान डेटाबेस का संदर्भ देकर कई सरकारी योजनाएं दी जाएंगी. कृषि योजनाओं के अलावा, दूसरे विभाग की योजनाएं जिनका फायदा उठाया जा सकता है, उन्हें भी प्रदर्शित किया जाएगा. इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उन्हें कई जरियों से विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है. यह एक तरह का वन-स्टॉप सेंटर होगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को सभी योजनाओं का लाभ मिले. पोर्टल में किसानों के बारे में विस्तृत जानकारी होगी जिसमें उनके केवाईसी, पैन, आधार, बैंक और अन्य विवरण शामिल होंगे.’
अब तक कितनी रजिस्ट्री
गुनासेकरन ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा और बाकी योजनाएं भी रजिस्ट्री में मौजूद विवरण के आधार पर प्रदान की जाएंगी. धर्मपुरी में कुल 1,00, 974 किसानों की जानकारी पहले ही अपलोड की जा चुकी है. एक और अधिकारी ने एग्रीस्टैक के फायदों के बारे में बताया.
कृषि विभाग की संयुक्त निदेशक मारिया रवि जयकुमार के मुताबिक यह टिकाऊ कृषि के लिए एक पहल है. एग्रीस्टैक किसानों को टिकाऊ खेती करने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करने के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य, पानी के उपयोग और जलवायु स्थितियों पर डेटा भी प्रदान करता है. यह मौसम के बारे में अपडेट प्रदान करता है ताकि किसान बेहतर योजना बना सकें और फसल के नुकसान को कम कर सकें.
किसानों से आग्रह
एग्रीस्टैक किसानों को ऋण तक बेहतर पहुंच हासिल करने में मदद कर सकता है. अधिकारियों के अनुसार यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसान एग्रीस्टैक में रजिस्टर्ड हों, अलग-अलग विभागों की मदद से जिले भर के ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर आयोजित किए जाएंगे. साथ ही कृषि विभाग की तरफ से किसानों से रजिस्ट्रेशन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और कई योजनाओं का फायदा उठाने की रिक्वेस्ट की गई है.