गांवों को विकसित करने और किसानों को सश्कत बनाने में पैक्स बेहद ही अहम भूमिका निभाते हैं. सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से बहुउद्देशीय पैक्स गांवों की तस्वीर बदल रहे हैं. इसी कड़ी में राजस्थान के अजमेर जिले के राजस्थान के अजमेर जिले के खीरियाँ गाँव में स्थित बहुउद्देशीय पैक्स, ग्रामीणों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले खाद, बीज, कीटनाशक दवाइयाँ एवं अन्य कृषि संबंधी सुविधाएँ प्रदान कर सामाजिक और आर्थिक रूप से उन्हें सशक्त बना रहा हैं. तो चलिए इस खबर में आगे जान लेते हैं कि किस तरह अजमेर में पैक्स ने गांवों की सूरत बदल दी है और किस तरह किसानों का फायदा हो रहा है.
2011 में हुई थी पैक्स की शुरुआत
अजमेर जिले के खीरियां गांव में स्थित पैक्स व्यवस्थापक देवेंद्र जाट ने बताया कि गांव में साल 2011 में बहुउद्देशीय पैक्स की शुरुआत की गई थी. उन्होंने बताया कि पैक्स के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी जानकारियां दी जाती हैं. इसके साथ ही उन्हें खेती-किसानी से जुड़ा प्रशिक्षण भी दिया जाता है. किसानों को पैक्स से जोड़कर उन्हें फसली लोन भी मुहैया कराया जाता है. किसानों को पैक्स के माध्यम से उन्नत और उच्च गुणवत्ता वाले बीज मुहैया कराए जा रहे हैं.
800 किसानों को मिल रहा फसलों पर लोन
पैक्स व्यवस्थापक देंवेंद्र जाट ने बताया कि पैक्स समिति के माध्यम से करीब 800 किसानों को फसलों पर लोन दिए जा रहे हैं. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हर योजना का लाभ किसानों तक जरूर पहुंचे. किसान किसी भी सरकारी योजना से वंचित न रह जाएं इसके लिए किसानों को सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी पैक्स समति के द्वारा दी जाती है.
किसान सभाओं का होता है आयोजन
देवेंद्र जाट ने बताया कि गांव में किसान सभाओं का आयोजन कराया जाता है. इन सभाओं में किसानों को उनकी फसल से जुड़ी सारी जानकारी दी जाती है. किस मिट्टी के लिए कौन सा पोषक तत्व जरूरी है , फसल पर किसा दवा का छिड़काव करने से फसल बढ़ेगी , इन सबकी जानकारी किसानों तक पहुंचाई जाती है.
गांव से बाहर जाने को मजबूर नहीं किसान
पैक्स के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी जानकारियां, कृषि उपकरण आदि दी जा रही हैं. किसानों को कम ब्याज दर पर लोन मिलता है जिसके कारण वो कृषि उपकरण खरीद सकते हैं. जिससे उन्हें भूमि सुधार में भी मदद मिलती है. व्यवस्थापक देवेंद्र जाट का कहना है कि गांव के किसानों को किसी भी सुविधा या संसाधन के लिए गांव के बाहर जाने की जरूरत नहीं होती है. पैक्स के माध्मय से किसानों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है. इसके माध्यम से किसानों को सारी सहूलियतें प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में हर संभव प्रयास किया जा रहा है.