गर्मी बढ़ रही है और खेत सूख रहे हैं, ऐसे में कई किसान फार्म पॉन्ड यानी खेत तालाब बनाकर पानी सहेजने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जयपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. योगेश शर्मा की मानें तो अगर ये तालाब बिना मंजूरी और तकनीकी समझ के बनाए गए तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. मिट्टी खिसकने, पानी रिसने और खेत की उर्वरता घटने जैसी दिक्कतें सामने आ सकती हैं. इसलिए फार्म पॉन्ड बनाते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इसके अलावा उन्होंने सब्जियों को गर्मी से कैसे बचाए और सब्जियों को कीट से कैसे बचे इसकी भी सलाह दी. तो क्या है वो सलाह चलिए जानते हैं?
फार्म पॉन्ड को लेकर चेतावनी
डॉ. शर्मा ने साफ कहा कि किसान खेत में बिना अनुमति फार्म पॉन्ड न बनाएं. अगर एक से ज़्यादा तालाब बनाना जरूरी हो, तो उनके बीच कम से कम 50 फीट की दूरी रखें. ऐसा न करने पर मिट्टी खिसक सकती है या पानी का रिसाव हो सकता है. फार्म पॉन्ड बनाने से पहले सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है, ताकि जलभराव जैसी तकनीकी समस्याओं से बचा जा सके.
सब्जियों की सिंचाई का सही समय
डॉ. शर्मा ने किसानों को सलाह दी है कि तेज धूप और गर्म हवाओं से बचने के लिए फसलों की सिंचाई सुबह जल्दी या शाम को करें. क्योंकि तेज धूप में पानी देने से पौधों को नुकसान हो सकता है, इसलिए सावधानी जरूरी है. वहीं उन्होंनेउन्होंने बताया कि नई पौध रोपते समय उन्हें सुबह या शाम को ही पानी देना चाहिए, ताकि पौधों को गर्मी से नुकसान न हो.
फसल चुनने में सावधानी बर्ते
उनका मानना है कि अगर किसान जायद में मूंग की खेती करना चाहते है तो उसे एस.एम.एल 668 और आर.एम.जी 62 किस्मों का चुनाव करें. क्योंकि ये अच्छी किस्में मानी गई हैं. इसमें ध्यान देने की बात ये है की कटी हुई फसलों को बांधकर रखें.
कीट नियंत्रण की जानकारी
टमाटर की फसल में फूल झड़ना नाइट्रोजन की अधिकता का संकेत हो सकता है. ऐसे में संतुलित मात्रा में खाद देना जरूरी है. अगर कीट का प्रकोप बढ़ रहा है तो स्पिनोसेड़ 48 ई.सी. (1 मिली प्रति 4 लीटर पानी) का छिड़काव करें. इसके अलावा भिंडी की फसल में माईट कीट दिखाई दे, तो 15-20 मिली इथेयान प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करना करें. ताकि अपकी सब्जी सुरक्षित रहे. इससे बाजार में आपको सही रेट मिलेगा.