फसल की उपज बढ़ा देती हैं IFFCO की ये दवाएं, क्वालिटी सुधार से किसानों का बढ़ रहा मुनाफा

फसल की ग्रोथ के लिए यूरिया का इस्तेमाल बेहद जरूरी होता है. ऐसे में इफको नैनो यूरिया पल्स बहुत कारगर साबित होता है. इसके इस्तेमाल से लागत में कमी आता है और पैदावार ज्यादा होती है.

नोएडा | Updated On: 27 Apr, 2025 | 07:46 PM

फसलों की अच्छी ग्रोथ और नई उर्जा देने के लिए जरूरी है कि उन्हें हर तरह के पोषक तत्व दिए जाएं. लेकिन कई बार फसल के लिए जरूर पोषक तत्वों की सही जानकारी न होने के कारण किसान फसलों की देखभाल नहीं कर पाते हैं. ऐसे में पोक तत्वों की कमी के कारण फसल बर्बाद हो जाती है और किसान को भी भारी नुकसान होता है. किसानों की इस समस्या का समाधान इफको के पास है. इफको बाजार में ऐसा दवाएं लेकर आई है जिनका नाम है इफको सागरिका और इफको नैनो यूरिया प्लस. तो चलिए खबर में आगे बात कर लेते हैं क्या है इफको की ये दवाएं और किस तरह किसानों को इनसे फायदा होता है.

क्या है इफको सागरिका

कई बार फसल सूख जाती है और पानी के खारेपन से फसल खराब हो जाती है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए आप इफको सागरिका को अपने घर ला सकते हैं. इसके इस्तेमाल से फसलों में डाले जाने वाले पानी के खारेपन में कमी आती है , जिससे फसल खराब नहीं होती है. इसके साथ ही इस दवा के इस्तेमाल से पौधे के विकास में भी मदद करती है. फसलों में इफको सागरिका के इस्तेमाल से आगे चलकर आने वाले फल और फूलों का आकार बड़ा होता है, साथ ही खेत की मिट्टी भी उपजाऊ होती है.

IFFCO Sagarika

इफको सागरिका से मिट्टी होगी उपजाऊ

इफको नैनो यूरिया प्लस के फायदे

फसल की ग्रोथ के लिए यूरिया का इस्तेमाल बेहद जरूरी होता है. ऐसे में इफको नैनो यूरिया पल्स बहुत कारगर साबित होता है. इसके इस्तेमाल से लागत में कमी आता है और पैदावार ज्यादा होती है. इफको नैनो यूरिया की खासियत है कि यह पारंपरिक यूरिया से सस्ती होती है. फसल की उपज बढ़ाने, गुणवत्ता बढ़ाने और वातावरण को भी सही रखने में इफको नैनो यूरिया मदद करता है. इफको सागरिका लाल और भूरे समुद्री शैवालों से बना जैव-उत्तेजक उर्वरक है. इसका इस्तेमाल पौधों के विकास को नई ऊर्जा देता है.

IFFCO Nano Urea Plus

नैनो यूरिया प्लस बढ़ाएगा फसलों की उपज

नैनो यूरिया प्लस ऐसे करें इस्तेमाल

यह फसल में नाइट्रोजन की मात्रा को पूरा करता है. इसके इस्तेमाल करने के लिए प्रति लीटर पानी में 2-4 मिली नैनो यूरिया को घोल कर फसल की सक्रिय विकास अवस्थाओं पर पत्तों पर स्प्रे करें. अच्छे परिणाम के लिए पहला स्प्रे बुवाई के 25 से 35 दिन बाद और दूसरा स्प्रे फसल में फूल आने से पहले करें.

Published: 27 Apr, 2025 | 07:46 PM