देश में रबी सीजन में दलहन फसलों की बुवाई बड़े पैमाने पर होती है. किसानों को दलहन की खेती करना आसान लगता है. लेकिन बाकी की फसलों की तरह ही दलहन फसलो को भी देखभाल की जरूरत होती है. इन फसलों को सही और जरूरी पोषण देने से अच्छा उत्पादन होता है. इसी कड़ी में इफको (Indian Farmers Fertiliser Cooperative) बाजार में दो ऐसी दवाएं लेकर आई है जो दलहन फसलों को पोशक तत्वों से भरपूर रखेगी और मिट्टी को उपजाऊ बनाकर फसलों के बेहतर उत्पादन में मदद करेगी.
दलहन फसलों के लिए जैविक उर्वरक
इफको ने दलहन किसानों की उपज में गिरावट की समस्या को देखते हुए राइजोबियम लिक्विड जैविक उर्रवक पेश की है. यह जैविक उर्वरक दलहन फसलों की ग्रोथ में बड़ी भूमिका निभाता है. इफको के अुसार दहहन फसलों पर इसका इस्तेमाल करने से उपज में करीब 25 से 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की जा सकती है. इसके साथ ही प्रति हेक्टेयर फसल पर 100 से 200 किलोग्राम तक यूरिया की भी बचत होती है.
किसान कैसे करें इस्तेमाल
इफको की जैविक उर्वरक राइजोबियम का इस्तेमाल करने से पहले किसानों को इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि इसे तेज धूप से बचाकर किसी छायादार ठंडी जगह पर रखें. इसके साथ ही किसान जिस फसल को जितनी जरूरत है उसके अनुसार ही मात्रा का इस्तेमाल करें. बता दें कि इस उर्वरक की मदद से प्रति हेक्टेयर 50 से 100 किलोग्राम नाइट्रोजन फसल उपलब्ध होती है.
मिट्टी को उपजाऊ बना देता है ह्यूमिफको
खरीब सीजन की बुवाई का समय नजदीक आता देख इफको ने मिट्टी को उपजाऊ बनाकर ज्यादा उत्पादन देने के लिए ह्यूमिफको को पेश किया है. ह्यूमिफको एक नेचुरल बायो स्टुमुलेंट है. इसकी मदद से दलहन फसलों को स्वस्थ और उनकी मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखने में मदद मिलती है. ह्यूमिफको में मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए सही अनुपात में ह्यूमिक और फुल्विक एसिड मौजूद हैं. इसकी मदद से मिट्टी की संरचना, पानी को सोखने की क्षमता, बीज अंकुरण, जड़ों में वृद्धि और फसल की पैदावार एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है.
क्या है इफको (IFFCO)
इफको यानी इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड, दुनिया का सबसे बड़ा उर्वरक सहकारिता संगठन हैं. यह भारतीय किसानों को खेती करने के तरीकों के बारे में जानकारी देता है. साथ ही इसका उद्देश्य किसानों के लिए रोजगार को बढ़ावा देना और कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने में किसानों का समर्थन करना है. इफको द्वारा बाजार में लाई गईं इन दवाओं की मदद से किसानों को दलहन फसलों का अच्छा उत्पादन मिलेगा. बाजार में फसलों के अच्छे दाम मिलेंगे और आर्थिक तौर पर भी किसानों को मजबूती मिलेगी.