किसानों के लिए खेती को फायदे का सौदा बनाने के लिए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 सूत्रीय रणनीति बताई. उन्होंने कहा कि छोटी जोत के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि लैब से लैंड तक बीज पहुंचाने पर हमारा जोर है, ताकि उत्पादन और क्वालिटी को बेहतर किया जा सके. उन्होंने कहा कि दूसरे देश सोयाबीन और दलहन उत्पादन के लिए जीएम सीड का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हमें अपनी जमीन बर्बाद नहीं करना है.
एफपीओ के जरिए उत्पादन लागत घटा रहे
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित पूसा परिसर में MAHI National Co-operative Federation Of FPOS के कार्यक्रम में कहा कि खेती तेजी से आगे बढ़ रही है. उन्होंने पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों के नुकसान की भरपाई की बात कही. उन्होंने कहा कि एफपीओ के जरिए उत्पादन की लागत घटाने की योजना है. ताकि किसान कई फसलों की खेती कर सके और अधिक उपज हासिल कर सके.
खेती को फायदे का सौदा बनाने
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण Initiative किए गए हैं. खेती को फायदे का सौदा बनाने के लिए हमारी 6 सूत्रीय रणनीति है. हम किसान सेवक हैं और इसके नेतृत्व में किसानों की सेवा का कार्य कर रहे हैं. हमने उत्पादन बढ़ाने और उत्पादन की लागत घटाने के लिए अनेक प्रयोग किए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छे किस्म के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
बीजों को लैब से लैंड तक पहुंचाने पर जोर
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ाना है तो अच्छे बीज चाहिए, इसके लिए ICAR ने 2900 बीजों की किस्में विकसित की हैं. हमारा प्रयास है कि जल्दी से जल्दी लैब से लैंड तक बीज और बाकी प्रयोग किसानों तक पहुंचे. आईसीएआर ने जलवायु अनुकूल किस्मों को भी विकसित किया है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य उपज की क्वालिटी को बेहतर करना है.
उपज का उचित दाम दिला रहे एफपीओ
उन्होंने कहा कि एफपीओ के जरिए किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़े, उपज का उचित दाम मिले और वे आत्मनिर्भर बनें इसके लिए केंद्र सरकार दृढ़ संकल्पित है. देश में 10 हजार से अधिक एफपीओ को बनाने का टारगेट समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि एफपीओ की मदद से किसान अपनी उपज की क्वालिटी तो सुधार कर पा रहे हैं और अच्छी कीमत पाने में भी मदद मिली है.