छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सल आत्मसमर्पण नीति अब गांवों की किस्मत भी बदल सकती है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में तय की गई इस नीति के तहत यदि किसी पंचायत क्षेत्र को नक्सल मुक्त घोषित किया जाता है, तो वहाँ एक करोड़ रुपये के विशेष विकास कार्य कराए जाएंगे. यह सिर्फ शांति का इनाम नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत की सौगात है — उन गांवों के लिए, जिन्होंने सालों तक डर और हिंसा का सामना किया है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का स्पष्ट संदेश है- “जो हथियार छोड़ेंगे, उन्हें डर नहीं, सम्मान मिलेगा.” यह नीति उन युवाओं के लिए आशा की किरण बन सकती है, जो कभी भ्रम, दबाव या मजबूरी में नक्सली रास्ते पर चले गए थे और अब वापस लौटना चाहते हैं.
हथियार के साथ आत्मसमर्पण
सरकार की इस नई नीति में आत्मसमर्पण के समय साथ लाए गए हथियारों के आधार पर नक्सलियों को अलग-अलग मुआवजा राशि दी जाएगी. जैसे, एलएमजी (लाइट मशीन गन) लाने पर 5 लाख रुपये, एके-47 और त्रिची असॉल्ट रायफल पर 4 लाख रुपये, मोर्टार पर 2.50 लाख रुपये और एसएलआर या इंसास रायफल पर 2 लाख रुपये की राशि मिलेगी. छोटे हथियार जैसे थ्री नॉट थ्री रायफल, एक्स-कैलिबर, ग्लॉक पिस्टल, कार्बाइन, रिवॉल्वर और डेटोनेटर पर भी 30 हजार से 1 लाख रुपये तक की इनामी राशि दी जाएगी.
बिना हथियार आत्मसमर्पण
यदि कोई नक्सली बिना हथियार के आत्मसमर्पण करता है, तब भी उसे 50 हजार रुपये की नगद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. साथ ही अगर कोई नक्सली संगठन से जुड़ी विस्फोटक सामग्री या आईईडी की जानकारी देकर पुलिस को बरामदगी में मदद करता है, तो उसे 15 हजार से 25 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि और बड़े हथियार या विस्फोटक डंप की जानकारी पर 1 लाख रुपये तक का ईनाम भी मिलेगा.
दंपति को मिलेगा विवाह अनुदान
छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सल आत्मसमर्पण नीति में इंसानियत को ध्यान में रखते हुए एक खास प्रावधान जोड़ा गया है. अगर कोई आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली शादी करना चाहता है, तो उसे सरकार की ओर से एक लाख रुपये की शादी की मदद (विवाह अनुदान) दी जाएगी. वहीं अगर पति-पत्नी दोनों नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें एक ही इकाई मानकर यह लाभ संयुक्त रूप से दिया जाएगा.
इनामी सूची वाले नक्सलियों को मिलेगा इनाम
जो नक्सली सरकार की इनामी सूची में शामिल हैं, अगर वे आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें पूरी इनामी राशि नियमों के मुताबिक दी जाएगी. इसके साथ ही भारत सरकार की ओर से चल रही पुनर्वास योजनाओं का भी फायदा मिलेगा, ताकि वे दोबारा समाज में सम्मान के साथ एक सामान्य जिंदगी शुरू कर सकें. सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उन्हें हर वो मदद मिले, जिससे वे नई शुरुआत कर सकें.
सामूहिक आत्मसमर्पण पर दोगुना इनाम
छत्तीसगढ़ सरकार की नई नीति में एक खास और असरदार प्रावधान यह है कि अगर किसी नक्सली संगठन की फॉर्मेशन यूनिट के 80% या उससे ज्यादा सदस्य एक साथ आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें उनके घोषित इनाम की दोगुनी राशि दी जाएगी.
साथ ही, अगर सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर या कांकेर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों के किसी गांव के सभी नक्सली और मिलिशिया सदस्य आत्मसमर्पण कर देते हैं और गांव को पूरी तरह नक्सल मुक्त घोषित कर दिया जाता है, तो उस पंचायत क्षेत्र को एक करोड़ रुपये की विशेष विकास राशि दी जाएगी. इस राशि से गांव में स्कूल, सड़क, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा, ताकि लोग शांति और तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकें.
मुख्यमंत्री का भरोसा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साफ संदेश दिया है कि जो लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें डर नहीं, पूरा सम्मान और सहयोग मिलेगा. उनका कहना है कि बंदूक किसी समस्या का हल नहीं है, बल्कि विकास और संवाद ही सच्चा रास्ता है.
जो युवा कभी दबाव, भ्रम या मजबूरी में नक्सली रास्ते पर चल पड़े थे, उनके लिए यह नई नीति एक नई शुरुआत का सुनहरा मौका है. सरकार उन्हें सिर्फ माफ नहीं करेगी, बल्कि उन्हें फिर से आत्मनिर्भर और सम्मान से जीने लायक बनाने में पूरी मदद करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति न सिर्फ शांति और विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से बाहर निकालने की उम्मीद भी जगाती है.