ग्रीन एनर्जी हब में बदलेगा बुंदेलखंड, देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे भी मिलेगा

उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नई पहचान बनाने जा रहा है, जहां खेत-तालाब योजना और सौर ऊर्जा से बिजली की खेती होगी.

नोएडा | Published: 10 Apr, 2025 | 05:40 PM

काश! पानी और बिजली के खेत साथ-साथ होते. यह एक सपना हो सकता है. पर बुंदेलखंड इस सपने को हकीकत में बदल रहा है. एक तरफ खेत-तालाब योजना से जल संरक्षण हो रहा है, तो दूसरी ओर सौर ऊर्जा से बिजली की खेती हो रही है. योगी सरकार की ये दोहरी रणनीति बुंदेलखंड को देश के पहले ग्रीन-एनर्जी हब में बदलने की ओर बढ़ रही है.

सौर ऊर्जा बनेगी बुंदेलखंड की नई पहचान

शौर्य और संस्कार की धरती बुंदेलखंड अब सौर ऊर्जा के दम पर देशभर में नई पहचान बनाने जा रही है.क्योंकि, बिजली की खेती के लिए योगी सरकार का बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा पर खास फोकस है. इसके एक साथ कई लाभ हैं. इस योजना के तहत हरियाली, बिजली और निवेश, तीनों की बुनियाद यही से रखी जा रही है.

खेत तालाब योजना के तहत 5000 तालाबों की खुदाई

बुंदेलखंड की सूखी धरती पर पानी को संजोने के लिए राज्य सरकार ने खेत-तालाब योजना शुरू की है. योजना के तहत किसानों को 50 से 75 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है. इसके अलावा सरकार ने सामान्य वर्ग के लघु सीमांत किसानों को लागत का 50 फीसद या 80 हजार रुपये और अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को 75 फीसद या एक लाख रुपये तक का अनुदान देय है. योजना के तहत अब तक करीब 5000 तालाबों की खुदाई हो चुकी है. इन तालाबों में संचित बारिश का पानी सूखे के समय में सिंचाई और मवेशियों के पीने के काम आता है.

इको फ्रेंडली सौर ऊर्जा के नाते घटेगा प्रदूषण

एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में बिजली की खपत सालाना 16 फीसद की दर से बढ़ रही है. इतना ही नहीं आने वाले दो-तीन साल में ये खपत 53,000 मेगावाट तक पहुंच सकती है. ऐसे में थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने के लिए योगी सरकार सौर ऊर्जा पर बड़ा दांव लगा रही है. इसकी मुख्य वजह थर्मल और हाइड्रो पावर के जरिये बिजली उत्पादन में आने वाले भारी भरकम खर्च से बचना और पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर को कम करना है.

बुंदेलखंड बनेगा सोलर हब

योगी सरकार बुंदेलखंड को सोलर एनर्जी के हब के रूप में विकसित करना चाहति है. इसके तहत सरकार में चित्रकुट में 3400 एकड़ पर 800 मेगावाट का प्लांट बनेगा. इससे सालाना 1900 मिलियन यूनिट बिजली मिलेगी. इसके अतिरिक्त झांसी में 600 मेगावाट और ललितपुर में 1400 मिलियन यूनिट उत्पादन क्षमता वाले सौर पार्क बनने जा रहे हैं. इनसे लाखों यूनिट बिजली हर साल पैदा होगी. वहीं कानपुर क्षेत्र को जोड़कर ये आंकड़ा और बढ़ेगा.

देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे

सरकार की मंशा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को देश के पहले सोलर एक्सप्रेस वे में बदलने की है.इसके तहत 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी है. इन दोनों योजनाओं के तहत ओर 2447 एकड़ में 14 सोलर पार्क बनेंगे, जो 450 मेगावाट बिजली पैदा करेंगे. करीब 2000 करोड़ की लागत वाली इस योजना में टाटा पावर समेत 17 बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है.

कुल उत्पादन का 10 फीसद हिस्सा सोलर से करने की सरकार की मंशा

सरकार की योजना है कि सौर ऊर्जा से बनने वाली कुल बिजली का 10 फीसदी हिस्सा यूपी की जरूरतों को पूरा करे. पीएम सूर्य घर और कुसुम योजना के तहत अब तक 76 हजार से ज्यादा किसानों को सोलर पंप मिल चुके हैं। पहले चरण में गांव और खेतों को सौर फीडर से रोशन किया जाएगा.