मान सरकार-किसान नेताओं की मिलीभगत था आंदोलन, गुणी प्रकाश का गंभीर आरोप

भारतीय किसान यूनियन मान गुट के नेता ठाकुर गुणी प्रकाश ने गंभीर आरोप लगाते हुए किसान आंदोलन को पंजाब सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम बताया है. इससे पहले उन्होंने किसान आंदोलन को पंजाब के सीएम मान और किसान संगठनों की प्रेम लीला बताया था.

नोएडा | Updated On: 20 Apr, 2025 | 11:03 AM

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी की मांग को लेकर 13 फरवरी 2025 से शुरू हुए किसान आंदोलन को पंजाब सरकार और किसान नेताओं की मिलीभगत बताया गया है. भारतीय किसान यूनियन मान गुट के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर गुणी प्रकाश ने गंभीर आरोप लगाते हुए किसान आंदोलन को पंजाब सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम बताया है. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं और पंजाब सरकार की मिलीभगत से यह आंदोलन किया जा रहा था.

डल्लेवाल पर साधा निशाना, कहा- हठ से क्या मिला

हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन मान गुट के अध्यक्ष गुणी प्रकाश ने किसान आंदोलन को लेकर इसमें शामिल किसान नेताओं और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गुणी प्रकाश ने कहा कि पंजाब में किया गया आंदोलन पंजाब सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और किसान नेताओं की मिलीभगत से यह आंदोलन चल रहा था. उन्होंने आमरण अनशन करने वाले जगीजीत सिंह डल्लेवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि आप हठ करके बैठ गए थे. अब कहां गया आंदोलन, क्या मिला उन्हें.

आंदोलन से सभी संगठनों के नहीं जुड़ने पर आड़े हाथों लिया

गुणी प्रकाश ने आगे कहा कि हरियाणा और पंजाब में कई दर्जन जत्थेबंदियां और किसान संगठन हैं, वे सब किसान आंदोलन का हिस्सा क्यों नहीं बने. उन्होंने आगे कहा कि जत्थेबंदियां एक दुकानदारी बन गई हैं. इससे किसानों को नुकसान हुआ है. उन्होंने किसान नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सबने अकेले-अकेले दुकान खोल ली है. इसी वजह से अब सरकार सुन नहीं रही है. उन्होंने कहा कि अब तो आढ़तियों ने भी फैसला लिया कि किसी भी जत्थेबंदी की फसल तौल नहीं करने देंगे. बताओ अब क्या करोगे.

कौन हैं किसान नेता ठाकुर गुणी प्रकाश

बीते दिन भी किसान नेता गुणी प्रकाश ने किसान आंदोलन को प्रेम लीला बताया था. उन्होंने कहा था कि यह किसान आंदोलन पंजाब के सीएम मान और किसान संगठनों की प्रेम लीला थी. तब वह हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा से किसानों की समस्याओं को लेकर मुलाकात करने गए थे. बता दें कि ठाकुर गुणी प्रकाश हरियाणा में किसानों के बड़े किसान नेताओं में शुमार हैं. वह किसानों के मुद्दों को लेकर कई बार जेल जा चुके हैं. 2020 किसान आंदोलन में वह सरकार के 3 कृषि कानूनों के समर्थन में थे. वर्तमान में केंद्र सरकार की ओर से गठित एमएसपी कमेटी के वह सदस्य भी हैं.

पंजाब सरकार ने क्यों कुचला आंदोलन

संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक (SKM NP) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के नेतृत्व में करीब 14 महीनों तक चले किसान आंदोलन को खत्म करने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से किसानों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है. बीते 19 मार्च 2025 को केंद्र के साथ बैठक के बाद करीब 700 किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को पंजाब सरकार ने हिरासत में लिया था. इसके अगले दिन खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों के अस्थाई टेंट तोड़ दिए गए थे और बैरीकेडिंग हटा दी गई थी.

किसान आंदोलन की वर्तमान स्थिति क्या है

किसानों के उग्र प्रदर्शन के बाद पंजाब सरकार ने कई जत्थों में किसान नेताओं को रिहा किया था. कुछ दिन बाद केंद्रीय कृषि मंत्री की अपील पर अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 132वें दिन अपना आमरण अनशन तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अपनी मांगों को लेकर जारी रहेगा, वह आंदोलन से युवाओं को जोड़ने के लिए देशभर में जाएंगे. इसके बाद पंजाब में 11 अप्रैल तक चली किसान पंचायतों में वह खुद शामिल हुए और किसानों को संबोधित किया. आंदोलन में शामिल किसान नेताओं ने कहा कि अप्रैल महीना गेहूं कटाई का पीक समय है, इसलिए मई 2025 के पहले सप्ताह के बाद से बड़े स्तर पर हरियाणा समेत अन्य राज्यों में बड़ी किसान महापंचायतें की जाएंगी.

4 मई की बैठक के बाद तय होगी आंदोलन की दशा-दिशा

किसान आंदोलन का हिस्सा रही भारतीय किसान एकता के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि 4 मई को केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक प्रस्तावित है. उन्होंने कहा कि 2024 से अबतक 7 दौर की हो चुकी बातचीत में लगभग सभी बिंदुओं पर बहस हो चुकी है. अब किसान प्रतिनिधि 8वीं दौर की 4 मई की बैठक की तैयारियां कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि केंद्र इस बैठक में कुछ बड़े निर्णय ले सकती है. हालांकि, आंदोलन में शामिल रहे किसान नेताओं का कहना है कि अगल सही नतीजे नहीं निकले तो दिल्ली कूच के साथ ही आंदोलन को धार देने के लिए नई रणनीति पर काम किया जाएगा.

Published: 20 Apr, 2025 | 10:19 AM