MP में पराली जलाने पर कड़ा एक्शन, किसानों को 1 मई से नहीं मिलेगा सरकारी लाभ

मध्य प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना और 50 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं.

नई दिल्ली | Published: 25 Apr, 2025 | 04:58 PM

मध्य प्रदेश में पराली जलाने की समस्या अब गंभीर हो गई है. राज्य सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है. राज्य के मुख्यमंत्री, मोहन यादव ने घोषणा की है कि 1 मई से पराली जलाने वाले किसानों को किसान कल्याण योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. यह कदम पर्यावरण और कृषि उत्पादकता के संरक्षण के लिए उठाया गया है.

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि फसल कटाई के बाद बढ़ती हुई पराली जलाने की आदत ने पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. वायु प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ा है. इसके अलावा, पराली जलाने से मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरता घटती है. यह सीधे तौर पर किसानों की पैदावार पर असर डालता है. इसीलिए, राज्य सरकार ने इस पर नियंत्रण पाने के लिए यह सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है.

किसानों को लगा बड़ा झटका

सीएम ने यह भी साफ किया कि राज्य सरकार अब से पराली जलाने वाले किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल नहीं खरीदेगी. इसके साथ ही, ऐसे किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ भी नहीं मिलेगा. यह कदम किसानों को पराली जलाने से रोकने और पर्यावरण को बचाने के लिए उठाया गया है.

पराली जलाने के नुकसान

पराली जलाने के कई नुकसान हैं. सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरता कम हो जाती है. इसके अलावा, जलने से पैदा होने वाला धुंआ वायु प्रदूषण बढ़ाता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. राज्य सरकार का यह फैसला, पर्यावरण की रक्षा और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है.

मध्य प्रदेश में पराली जलाने की स्थिति

हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) की रिपोर्ट में सामने आया कि अप्रैल महीने के पहले पखवाड़े में गेहूं अवशेष जलाने के सबसे अधिक मामले मध्य प्रदेश में ही दर्ज किए गए हैं. राज्य सरकार ने इस पर कड़ी कार्रवाई की है, जिसमें पराली जलाने वाले किसानों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना और 50 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं. 1 से 18 अप्रैल तक, राज्य में पराली जलाने के 15,830 से अधिक मामले सामने आए.