बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान (BEDF) के प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण फार्म पर बासमती बीज वितरण मेला और किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम का उद्घाटन भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील तिवारी, उपनिदेशक कृषि डॉ. नीलेश चौरसिया और संस्थान के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर रितेश शर्मा द्वारा किया गया. कार्यक्रम में किसानों ने बासमती धान के उन्नत किस्म के बीज खरीदे. यहां से किसानों ने 70 लाख रुपये के 700 क्विंटल बीजों को खरीद का रिकॉर्ड बना दिया.
रात 12 बजे से ही किसानों की जुटी भीड़
कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने किसानों को बासमती बीज वितरित किए. यह देखकर सभी चकित रह गए कि किसान रात 12 बजे से ही फार्म पर पहुंचना शुरू हो गए थे. अलीगढ़ से आए किसान अनिश सबसे पहले पहुंचे थे, जिन्हें उनकी जागरूकता के लिए सम्मानित भी किया गया.
सुबह 6 बजे तक पहुंचे 200 लोग
डॉ. तिवारी ने गोष्ठी में कहा कि बीज की इतनी जबरदस्त मांग यह दिखाती है कि आज का किसान जागरूक है और अच्छी गुणवत्ता के बीज के लिए कितनी भी दूर जाने को तैयार है. सुबह 6 बजे तक 200 से ज्यादा किसान बीज लेने के लिए मौजूद थे. डॉक्टर सुनील तिवारी ने किसान गोष्ठी में बताया कि बासमती के बीज की इतनी जबरदस्त मांग यह दर्शाती है कि आज का किसान जागरूक है और अच्छे बीज के लिए कितनी भी दूर जा सकता है.

Basmati Export Development Foundation Meerut
जैविक खेती को अपनाने की सलाह
डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि BEDF न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराता है, बल्कि किसानों को निर्यात योग्य बासमती उत्पादन के लिए निरंतर प्रशिक्षण भी देता है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ी है और देश को विदेशी मुद्रा में भी फायदा हुआ है. वहीं कृषि डॉ. नीलेश चौरसिया ने कहा कि किसान एपीडा से प्रशिक्षण लेकर खुद भी बीज तैयार कर सकते हैं. उन्होंने रसायनों का संतुलित उपयोग करने और जैविक खेती को अपनाने की सलाह दी. कार्यक्रम में दूर-दराज से आए किसानों ने व्यवस्था की सराहना की. खासतौर से सभी किसानों के लिए भोजन और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था को बहुत पसंद किया गया.
70 लाख रुपये के बिके बीज
आज के आयोजन में सात राज्यों से करीब 1000 किसान पहुंचे. करीब 700 क्विंटल बीज वितरित किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 70 लाख रुपये थी. किसानों ने मांग की कि भविष्य में और अधिक बीज तैयार किया जाए, ताकि सभी को पर्याप्त मात्रा में बीज मिल सके. वहीं इस आयोजन में वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार तोमर, नेत्रपाल शर्मा और अन्य सहयोगियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.