पशुओं को खिलाएं ये पौधा तो बढ़ जाएगी दूध की मात्रा, उगाने का तरीक जान लें

पशुपालकों के लिए अकसर दूध की मात्रा बढ़ाना चुनौती रहती है. ऐसे में वह कई तरह के आहार पशुओं को देना शुरू कर देते हैं. लेकिन, हम यहां पर ऐसे पौधे की बात कर रहे हैं जो खिलाने पर दूध बढ़ जाता है.

नोएडा | Updated On: 11 Apr, 2025 | 09:45 AM

गर्मियों में पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता में तेज गिरावट देखी जाती है. ऐसे में उन्हें अच्छे पशु आहार की जरूरत है. पशुपालकों के लिए अजोला पौधा काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. क्योंकि इसे खिलाने से पशुओं को पौष्टिकता खूब मिल रही है, जिससे दूध उत्पादन में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. अजोल पौधा को वाटर फर्न यानी जल शैवाल के रूप में भी जाता है. यह पौधा अपनी तेज बढ़त, कम संसाधनों और कई तरीकों से फायदेमंद होने के कारण किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. खास बात यह है कि यह पौधा न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचाता है, बल्कि किसानों की आय को बढ़ाने में भी मदद करता है.

फसलों के लिए भी रामबाण

अजोला पौधे के कई फायदे हैं जो इसे कृषि क्षेत्र और पशुपालन के लिया खास बनाते हैं. यह नाइट्रोजन फिक्सिंग की तरह काम करता है. जिसका मतलब है कि यह पौधा एक खास प्रकार के शैवाल (Anabaena) के साथ मिलकर वातावरण से नाइट्रोजन को सोखता है, और मिट्टी में रिलीज करता है. जिससे फसलों को केमिकल फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं पड़ती. यह मिट्टी की क्वालिटी को बेहतर करने साथ फसलों की ग्रोथ को भी बढ़ाता है.

अजोल पशुओं का बढ़ा देता है दूध

अजोल पौधा पशुओं के लिए एक बेहतरीन और सस्ता आहार बन सकता है. अगर रोजाना पशुओं को खिलाया जाए तो 10 से 15 दिन में ही उनके दूध में बढ़त देखने को मिल सकती है. आप चाहे तो इसे भूसे या बरसीम में मिलाकर 6 महीने से बड़े जानवरों को दिया जा सकता है. इसमें मौजूद प्रोटीन, अमीनो एसिड्स और खनिज की भरपूर मात्रा होती है, जो पारंपरिक पशु आहार जैसे मक्का या सोया से कहीं सस्ता और फायदेमंद होता है.

पशुओं को कितना दें अजोल आहार

अजोल पौधा को पशुओं को आहार के रूप में देने के लिए सही मात्रा का होना जरूरी है.  1 साल के पशु को 1 किलो,  2 साल के पशुओं को 2 किलो और उससे बड़े जानवरों को रोजाना 2-2.5 किलो तक अजोल दिया जा सकता है. यह मवेशियों, मुर्गियों और मछलियों के स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ-साथ उनकी वृद्धि दर तेज और दूध उत्पादन में भी वृद्धि करता है. जिससे यह पशुपालकों के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है.

आजोल को कैसे उगाएं किसान

आजोल न केवल भूमि सुधार में सहायक है, बल्कि यह जल संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाता है. यह पौधा जल में उगता है, जिससे उसे मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती. इसे उन क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है, जहां मिट्टी की गुणवत्ता कम हो. वहीं, इस पौधे को उगाना बेहद आसान है और इसके लिए ज्यादा निवेश या देखभाल की आवश्यकता नहीं होती. इसे किसी भी गहरे जलाशय जैसे तालाब, कुएं या डब्बों में उगाया जा सकता है. इसके लिए पानी का तापमान 25-30°C होना चाहिए और पानी का पीएच स्तर 6 से 7 के बीच होना चाहिए. आजोल को पानी की सतह पर हल्के से फैला दिया जाता है और कुछ ही दिनों में यह तेजी से फैलने लगता है. आप इसे हर 5-7 दिन में काट सकते है, क्योंकि इसे एक बार लगाने से यह लगातार बढ़ता रहता है.

Published: 10 Apr, 2025 | 07:10 PM