कभी-कभी जिंदगी हमारे सामने ऐसे हालात खड़े कर देती है, जहां से वापसी की उम्मीद भी नहीं होती. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हार मानने की जगह हालात से लड़ते हैं और अपनी एक नई पहचान बनाते हैं. आज की कहानी एक ऐसी ही महिला किसान की है, जिन्होंने अपने पति और बेटे को खोने के बाद भी न सिर्फ खुद को संभाला, बल्कि खेती को अपनी ताकत बनाकर लाखों की कमाई भी शुरू कर दी.
पति और बेटे की मौत ने तोड़ दिया
महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में रहने वाली सुनीता पिंगले की शादी एक किसान परिवार में हुई थी. सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन शादी के कुछ सालों बाद उनके पति की अचानक मौत हो गई. इससे पहले वो पूरी तरह संभल पातीं, उनके बेटे की भी एक गंभीर बीमारी के कारण मृत्यु हो गई. एक मां और पत्नी के तौर पर ये उनके लिए सबसे बड़ा दुख था.
खेती का कोई अनुभव नहीं
परिवार से बंटवारे में सुनीता को 13 एकड़ जमीन मिली थी, लेकिन खेती का कोई अनुभव नहीं था. एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने सोचा कि इस जमीन को बेचकर शहर चली जाए, लेकिन फिर उन्होंने वहीं रहकर खेती करने का फैसला किया.
सफलता की शुरुआत
शुरुआत में सुनिता ने आस-पास के किसानों से खेती के गुर सीखे और फिर धीरे-धीरे अंगूर की खेती शुरू की, जो उनके इलाके की मुख्य फसल भी थी. इस दौरान उन्हें कई बार नुकसान भी हुआ, लेकिन फिर भी वह हार नहीं मानी. आज सुनीता अंगूर की आधुनिक खेती कर रही हैं और हर साल करीब 25 ये 30 लाख रुपये की कमाई करती हैं. उनके अंगूर अब विदेशों में भी भेजे जाते हैं.
दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा
आज सुनीता न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अपने गांव की कई महिलाओं को भी जैविक खेती और अंगूर उत्पादन के तरीके सिखा रही हैं. वो चाहती हैं कि कोई भी महिला खुद को अकेला और लाचार न समझे. सुनिता कहती हैं कि ‘जब खुद पर विश्वास होता है, तो रास्ते खुद बनते हैं.’