राजस्‍थान की बंजर जमीन में किसान ने उगाया ताइवानी पिंक अमरूद, होने लगी लाखों की कमाई

राजस्‍थान के नागौर जिले के खींवसर के रहने वाले किसान लिखमाराम मेघवाल ने अपनी मेहनत से बंजर जमीन पर ताइवानी पिंक अमरूद का पूरा बगीचा तैयार कर लिया. अब इस बगीचे से हर साल उन्‍हें मोटी इनकम होती है.

Published: 23 Feb, 2025 | 09:25 PM

राजस्थान का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले रेगिस्तान की छवि उभर कर सामने आती है. राजस्थान जहां सिर्फ चारों रेत ही रेत है, इसकी वजह से किसानों के पास खेती के उतने ऑप्‍शन नहीं है जितने उत्‍तर प्रदेश और बिहार के किसानों के पास हैं. ऐसे में यहां के किसान भी अलग तरह से खेती करते हैं. लेकिन कम विकल्‍पों के बाद भी अब यहां किसान कई ऐसी फसलों में सफलता हासिल कर रहे हैं, जो कभी मुश्किल लगती थी. राजस्थान के किसान भी अब मॉर्डन टेक्निक्‍स की मदद से केला, सेब, संतरा, आंवला और खजूर जैसी फसलें उगाने लगे हैं. इस वजह से उनकी इनकम में भी इजाफा हो रहा है. इन टेक्निक्‍स का नतीजा है कि राजस्थान के किसान ताइवानी पिंक अमरूद तक की खेती करके अच्‍छा खासा मुनाफा कमाने लगे हैं. आज हम आपको राजस्‍थान के एक ऐसे किसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने रेगिस्तान में ताइवानी पिंक अमरूद उगा कर सभी को हैरान कर दिया है.

लॉकडाउन में हुई शुरुआत

राजस्‍थान के नागौर जिले के खींवसर के रहने वाले किसान लिखमाराम मेघवाल ने अपनी मेहनत से बंजर जमीन पर ताइवानी पिंक अमरूद का पूरा बगीचा तैयार कर लिया. अब इस बगीचे से हर साल उन्‍हें मोटी इनकम होती है. लिखमाराम के गांव में रेतीली मिट्टी है और पानी की भी कमी है. इसके बावजूद भी उन्होंने रेतीली मिट्टी पर अमरूद की बागवानी शुरू कर दी. लिखमाराम ने साल 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान ताइवानी पिंक अमरूद की खेती शुरू की. शुरुआत में उन्होंने ताइवानी अमरूद के पौधे लखनऊ से खरीद कर लाए थे. एक पौधे की कीमत 140 रुपये आई थी.

ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग

किसान लिखमाराम की मानें तो वह खेत में सिर्फ जैविक खाद का ही प्रयोग करते हैं. साथ ही समय- समय पर बगीचे में वर्मी कंपोस्ट डालते रहते हैं. इससे पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है. उन्‍होंने बगीचे में पौधों के बीच की दूरी 5 फुट बाइ 6 फुट रखी है जिससे पौधों को जरूरी धूप, हवा और पानी मिलता रहे. खास बात यह है कि लिखमाराम ने साल 2020 में बाग में 200 ताइवानी अमरूद के पौधे लगाए थे. लेकिन, 50 के करीब पौधे सूख गए लेकिन 150 पौधों से पैदा होने वाले अमरूदों से वह आय कमा रहे हैं.

हर साल बढ़ता गया उत्‍पादन

साल 2022 में किसान लिखमाराम ने प्रति पौधा 3 किलो अमरूद तोड़ था. लेकिन अगले साल इसका उत्पादन बढ़कर 10 किलो ताइवानी पिंक अमरूद प्रति पौधा हो गया है. इस तरह उन्होंने 2023 करीब 1500 किलो और फिर 2024 में भी इतने ही अमरूद बेचे और अच्छी-खासी आमदनी भी इकट्ठी की. उनका कहना है कि अगले कुछ सालों में ताइवानी पिंक अमरूद का उत्पादन और बढ़ेगा, जिससे अच्छी इनकम होगी.एक अनुमान के मुताबिक ताइवानी अमरूद की खेती पूरे साल की जा सकती है. इसकी एक एकड़ में हुई खेती से तीन से चार लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है. ताइवानी पिंक अमरूद की मांग राजस्‍थान के अलावा देश के दूसरे राज्‍यों में भी है और इसलिए अब इसकी खेती किसानों की फेवरिट बनती जा रही है.