गुजरात के खेड़ा जिले के छोटे से गांव दुधेलीलाट के किसान प्रवीण भाई पटेल की कहानी हर उस किसान के लिए मिसाल है जो खेती में कुछ नया करना चाहता है. पहले वह अपनी 10.7 हेक्टेयर जमीन पर पारंपरिक फसलें जैसे अरंडी, कपास और चना उगाते थे. लेकिन बदलते समय के साथ उन्होंने सोचा “अगर खेती से आय बढ़ानी है, तो कुछ अलग और बेहतर करना होगा.”
यहीं से उन्होंने सहजन की ओर रुख किया. प्रवीण जानते थे कि गुजरात में सहजन की जबरदस्त मांग है. इसमें भरपूर पोषण और औषधीय गुण होते हैं. इसके बाद उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वासद स्थित मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र से संपर्क किया और वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में सहजन की खेती शुरू की.
तकनीक ने बदली तस्वीर
प्रवीण ने रिसर्च सेंटर की ट्रेनिंग में हिस्सा लिया, जहां उन्हें बीज उत्पादन, तनों से पौधे उगाने और फसल की कटाई जैसी तकनीकों की जानकारी मिली. वैज्ञानिकों ने उनके खेत का निरीक्षण किया और उर्वरक, सिंचाई और कीट नियंत्रण से जुड़ी अहम सलाहें दीं. उन्हें यह भी बताया गया कि सोशल मीडिया की मदद से वो अपने उत्पादों को और बड़ी मार्केट तक पहुंचा सकते हैं.
साल-दर-साल बढ़ी कमाई
साल 2008, 2016 और 2020 में उन्होंने अलग-अलग तकनीकों से सहजन के हजारों पौधे लगाए. नतीजा यह रहा कि हर साल उन्हें अपने खेत से 100 टन तक ताजा सहजन की फली मिलने लगी. इस फसल को वो कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में 35 रुपये किलो के हिसाब से बेचते हैं. बाजार की मांग के अनुसार वो फली की ग्रेडिंग भी करते हैं ताकि बेहतर दाम मिल सके.
फली, बीज और पाउडर से कमाई
अब वो सिर्फ फली नहीं बेचते, बल्कि सहजन के बीज और पत्तियों से पाउडर और हेयर ऑयल भी बना रहे हैं. पाउडर 129 रुपये/100 ग्राम और हेयर ऑयल 299 रुपये/50 मि.ली. में बिक रहा है. साथ ही बीज 2000 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहे हैं, जिससे उनकी कमाई में और इजाफा हुआ है.
रोजगार और प्रेरणा के स्रोत बने प्रवीण पटेल
आज प्रवीण पटेल न सिर्फ हर साल करीब 20 लाख रुपये कमा रहे हैं, बल्कि 15 मजदूरों को स्थायी रोजगार भी दे रहे हैं. ICAR से मिली जानकारी को अब वह अपने जैसे अन्य किसानों के साथ भी साझा कर रहे हैं. उनके मार्गदर्शन में अब तक 150 से ज्यादा किसान सहजन की खेती शुरू कर चुके हैं. उनकी मेहनत, तकनीकी ज्ञान और नई सोच ने उन्हें एक साधारण किसान से एक सफल एग्री-प्रेन्योर बना दिया है.