बांस को यूं ही 'हरा सोना' नहीं कहा जाता. यह घास की प्रजाति का पौधा है, जो बहुत कम पानी में भी बढ़ जाता है. खास बात यह है कि बांस 5 गुना ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड सोखने की ताकत रखता है.
कार्बन फार्मिंग वह तरीका है जिसमें किसान अपने खेतों की मिट्टी में ज्यादा से ज्यादा कार्बन एकत्रित करते हैं. ऐसा करके वे वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं.
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मार्च से अप्रैल के बीच देश के 51 फीसदी जिलों में या तो बहुत कम बारिश हुई है या बिल्कुल भी नहीं हुई. ऐसे में जलाशयों में पानी की कमी और बढ़ती जा रही है.
बढ़ती महंगाई और बाजार में बढ़ती मांग के कारण किसान अकसर बिना सही जानकारी के अपने खेत की मिट्टी में केमिकल फर्टीलाइजर्स का इस्तेमाल करता है. केमिकल फर्टीलाइजर्स के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी खराब हो सकती है.
गेहूं किसानों को इन दिनों गन्ने की फसल में कई तरह के खरपतवारों का सामना करना पड़ रहा है. इन खरपतवारों की वजह से पौधे का विकास प्रभावित होता है और उपज पर बुरा असर पड़ता है. यहां पर किसानों को इन खरपतवारों से बचाव के उपाए बताए जा रहे हैं...
किसान अच्छे उत्पादन के लिए फसल की हर संभव तरह से देखरेख करते हैं. लेकिन कई बार सही जानकारी न होने के कारण या किसान की लापरवाही से फसल को सही और जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं.