अब गांव की महिलाएं सिर्फ रसोई नहीं, तालाब भी संभालेंगी, क्योंकि यूपी सरकार लाई है एक ऐसी योजना, जो मछली पालन को रोजगार का नया हथियार बना रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने सघन मत्स्य पालन योजना के तहत महिला किसानों के लिए एक नई स्कीम शुरू की है, जिसमें एरिएशन सिस्टम लगाने पर 50 फीसदी से 60 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा. यानी अब मछली पालन होगा हाईटेक और महिलाओं की आमदनी होगी मजबूत. क्या है ये योजना? चलिए जान लेते हैं.
क्या है सघन मत्स्य पालन योजना?
लखनऊ में मत्स्य पालक विकास अभिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. महेश चौहान ने बताया कि सरकार ने सघन मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की है. इस योजना का उद्देश्य कम जगह में ज्यादा मछली उत्पादन करना और ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है.
एरिएशन सिस्टम लगाने पर मिलेगी सब्सिडी
सघन मत्स्य पालन योजना के तहत तालाब में एरिएशन सिस्टम लगाने पर सरकार की ओर से अनुदान (सब्सिडी) दिया जाएगा. 0.5 हेक्टेयर वाले तालाब में एक 2 हॉर्सपावर का पैडल व्हील एरिएटर लगाने की सुविधा होगी, जबकि 1 हेक्टेयर या उससे बड़े तालाब में दो एरिएटर लगाने का प्रावधान है. इस योजना का लाभ वे महिला मत्स्य पालक ले सकती हैं जिनके पास पांच साल के लिए वैध तालाब का पट्टा है या जो निजी हैचरी चला रही हैं. योजना के तहत सामान्य और ओबीसी वर्ग की महिलाओं को 50 फीसदी तथा अनुसूचित जाति की महिलाओं को 60 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. जबकि प्रति यूनिट लागत 75,000 रुपये तक तय की गई है.
आवेदन कब और कहां करें?
इच्छुक महिलाएं fisheries.up.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं. अधिक जानकारी के लिए लखनऊ स्थित विकास भवन के एफ-26 कक्ष में किसी भी कार्यदिवस पर संपर्क किया जा सकता है.
क्या है एरिएशन सिस्टम?
यह सिस्टम तालाब के पानी में ऑक्सीजन डालता है, जिससे मछलियों को बेहतर वातावरण मिलता है और उनकी ग्रोथ तेज होती है. कम पानी में भी ज्यादा मछलियों का पालन करना संभव हो जाता है, जो सघन मछली पालन का मुख्य उद्देश्य है.