मधुमक्खी पालन पर मिलती है सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 50 मधुमक्खी के बक्से स्थापित करने पर 40% सब्सिडी दे रही है.

Noida | Updated On: 11 Mar, 2025 | 03:18 PM

उत्तर प्रदेश सरकार मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देकर न सिर्फ शहद का उत्पादन बढ़ा रही है, बल्कि इससे किसानों और बेरोजगार युवाओं को नई नौकरियों के मौके भी मिल रहे हैं. इस योजना के तहत सरकार 40% की मदद (अनुदान) देती है और साथ ही प्रशिक्षण भी दे रही है, ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी कमाई बढ़ा सकें.

90 दिन का प्रशिक्षण सत्र

उद्यान विभाग द्वारा आयोजित 90 दिन का विशेष प्रशिक्षण सत्र कृषि और बागवानी में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक शानदार अवसर है. यह प्रशिक्षण विभिन्न औद्यानिक केंद्रों में आयोजित किया जाएगा, जहां पुरुष और महिलाएं दोनों भाग ले सकते हैं.

इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को बागवानी और संबंधित तकनीकों में दक्ष बनाना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें. प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा आठ पास होना आवश्यक है. इच्छुक उम्मीदवार अपने नजदीकी औद्यानिक प्रयोग और प्रशिक्षण केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं और इस सुनहरे अवसर का लाभ उठा सकते हैं.

सरकारी अनुदान और योजनाएं

उद्यान राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह के अनुसार, सरकार मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 50 मधुमक्खी के बक्से स्थापित करने पर 40% सब्सिडी दे रही है.

शहद उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान

उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष 22 से 23 हजार टन शहद का उत्पादन होता है. सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद,  फैजाबाद, बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, प्रयागराज, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ और अलीगढ़ राज्य के प्रमुख शहद उत्पादक जिले हैं.

मधुमक्खी पालन क्यों है फायदेमंद?

-कम निवेश में ज्यादा फायदा

-शहद की लगातार बढ़ती मांग

-अन्य कृषि के साथ कर सकते हैं पालन

-सरकारी अनुदान और प्रशिक्षण का लाभ

अगर आप भी कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो मधुमक्खी पालन एक बेहतरीन अवसर हो सकता है.

Published: 11 Mar, 2025 | 03:17 PM