बढ़ते तापमान का असर आदमी ही नहीं पशुओं को भी प्रभावित करता है. बात अगर मुर्गिंयों की हो तो गर्मियों के मौसम में खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. गर्मी के दिनों में मुर्गियों के बाढ़े से लेकर उनके फीड और पानी को लेकर काफी सतर्क रहना पड़ता है. क्योंकि, थोड़ी सी भी लापरवाही मुर्गियों की मौत की वजह बन सकती है और मुर्गीपालकों को भारी नुकसान हो सकता है. जबकि, अंडा उत्पादन और उनके वजन पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन पशुपालन और डेयरी विभाग ने गर्मी के दिनों में मुर्गियों की सेहत, खान-पान का ध्यान रखने के लिए गाइडलाइन जारी की है. मुर्गी पालकों को सलाह दी गई है कि वो इन दिनों में मुर्गियों को गर्मी और धूप से बचाने के लिए छायादार शेड बना लें, क्योंकि सही देखभाल से ही बेहतर उत्पादन मिलेगा.
मुर्गियों की पानी और खुराक
गर्मी के दिनों में मुर्गियों की सटीक और संतुलित खुराक उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करती है. मुर्गियों को हमेशा साफ और स्वच्छ पानी देना चाहिए. इससे बीमारियों का खतरा कम होता है. पशुपालन और डेयरी विभाग ने सलाह दी है कि पशुपालक इसके साथ ही सुबह के समय मुर्गियों को गुनगुना पानी उपलब्ध कराने से उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होता है. गर्मी के दिनों में मुर्गियों को बर्फ का पानी पिलाने से बचें. जबकि, दिन की पहली फीड कराने का समय तय करना जरूरी है.
कैसे बनाएं मुर्गियों का शेड
पशुपालन और डेयरी विभाग ने सलाह दी है कि गर्मियों के मौसम में मुर्गियों के बाड़े को हमेशा हवादार और उचित तापमान पर बनाए रखें. शेड को भारी पर्दों से ढककर रखें ताकि तापमान नियंत्रण में रहे और मुर्गियों को अनुकूल वातावरण मिले. सही वेंटिलेशन से नमी और बीमारियों का खतरा कम होता है, जिससे मुर्गियां स्वस्थ रहती हैं. हवादार बाड़ा मुर्गियों को स्वस्थ रखता है, जिससे सुरक्षित और बेहतर उत्पादन मिलता है.
बाड़े का बिछावन कैसा हो
सलाह के अनुसार मुर्गियों का बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए उनका बिछावन हमेशा सूखा रखना जरूरी है. गीले बिछावन से बचाने के लिए इसे हर 2-3 दिन में बदलना चाहिए. मुर्गियों के स्वस्थ विकास और बेहतर उत्पादन के लिए बाड़े की नियमित सफाई करना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही बैक्टीरिया और नमी को दूर करने के लिए बेडिंग को धूप दिखाना न भूलें. क्योंकि, साफ-सुथरा बाड़ा ही स्वस्थ और उत्पादक मुर्गियों की कुंजी है.