ओडिशा सरकार ने पशुपालकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है. 1 मार्च से प्रदेश में पशुओं का इलाज और टीकाकरण पूरी तरह मुफ्त कर दिया जाएगा. इस कदम से किसानों और पशुपालकों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वे अब अपने पशुओं की देखभाल बिना किसी अतिरिक्त खर्च के कर सकेंगे.
पशुपालकों को मिलेगा फायदा
पशुपालन से जुड़े लोग लंबे समय से अपने पशुओं के इलाज और टीकाकरण पर खर्च होने वाले पैसों से परेशान थे. सरकार के इस फैसले से अब वे राहत की सांस ले सकते हैं. इस योजना के तहत गाय, भैंस, बैल, बकरी, भेड़ सहित अन्य पशुओं को मुफ्त में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे न केवल पशुओं की सेहत सुधरेगी, बल्कि दूध उत्पादन और कृषि क्षेत्र को भी फायदा होगा.
सरकार का ऐतिहासिक कदम
ओडिशा के मत्स्यपालन और पशुपालन मंत्री गोकुलानंद मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने जनता की मांग को देखते हुए यह ऐतिहासिक फैसला लिया है. अब पशुपालकों को वेटनरी सेवाओं पर किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा.
पशुओं की सुरक्षा भी प्राथमिकता
मंत्री मलिक ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में वेटनरी सेवाओं को मजबूत करना और पशुपालकों को आर्थिक सहायता देना है. मुफ्त चिकित्सा सेवाओं के अलावा, सरकार पशुओं की सुरक्षा के लिए भी कई योजनाएं लागू करने पर विचार कर रही है.
यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस की मांग
ओडिशा मिल्क फार्मर्स एसोसिएशन (OMFA) ने सरकार से अनुरोध किया है कि जैसे इंसानों के लिए ‘आयुष्मान भारत’ और ‘गोपाबंधु जन आरोग्य योजना’ जैसी स्वास्थ्य योजनाएं चलाई जाती हैं, वैसे ही पशुओं के लिए भी एक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लागू की जाए.
OMFA के अध्यक्ष रबी बेहेरा ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि ग्रामीण इलाकों में किसान अपने पशुओं को आय का मुख्य साधन मानते हैं. लेकिन कई बार आर्थिक तंगी के कारण वे अपने पशुओं का सही इलाज नहीं करवा पाते. यदि सरकार पशुओं के लिए यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस योजना लागू करती है, तो इससे लाखों पशुपालकों को फायदा होगा.
सरकार का पशुपालकों के प्रति बढ़ता ध्यान
ओडिशा सरकार पहले से ही पशुपालकों को विभिन्न सब्सिडी और वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही है. इस नई योजना से सरकार की मंशा स्पष्ट होती है कि वह पशुपालन को बढ़ावा देकर किसानों की आय को बढ़ाना चाहती है. यदि यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस योजना भी लागू होती है, तो यह पशुपालकों के लिए सोने पर सुहागा साबित होगी.