ऐसे कई प्रकार के चारे और आहार हैं जिनकी खेती करके किसान पूरे वर्ष अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं. गायों के लिए हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए किसान कई तरह की घास, फलियां और अनाज वाली फसलें उगा सकते हैं. साथ ही वो चारा उगाने के लिए हाइड्रोपोनिक तरीकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. आज हम आपको चारे के एक ऐसे विकल्प के बारे में बताते हैं जिसे आप पूरे साल उगा सकते हैं. चारे का यह विकल्प है नेपियर और कई विशेषज्ञ इसे गाय और भैंसों के लिए चारे के तौर पर अच्छे विकल्प के तौर पर करार देते हैं.
12 महीने उगता है नेपियर
नेपियर एक ऐसा चारा है जो साल के 12 महीने उगता है. यह एक कठोर प्रजाति है और इसे सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है. चारा बोने के लिए सबसे अच्छे महीने मार्च से जुलाई तक हैं. 2-3 कलियों या अंकुरों वाली कटिंग लगाई जा सकती है. अगर कटिंग लगाई जाती है तो एक जोड़ पर एक कली जमीन से ठीक नीचे होनी चाहिए, ठीक बिल्कुल गन्ने की रोपाई की तरह, 45 डिग्री के कोण पर. इन कटिंग को पंक्तियों में इस तरह लगाना चाहिए कि दो पंक्तियों के बीच 90 सेमी का अंतर हो और दो जड़ों के बीच 95 सेमी का अंतर हो. 1 बीघा जमीन के लिए 4000 कटिंग की जरूरत होती है.
कैसे करें खाद का प्रयोग
एक बीघा जमीन पर 10-15 क्विंटल खाद डालना सही रहेगा. इसके अलावा, 35 किलोग्राम यूरिया, 44 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट और 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का इस्तेमाल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से करना चाहिए. यूरिया की कुल मात्रा का एक चौथाई भाग और बाकी उर्वरकों की पूरी मात्रा को रोपण से पहले इस्तेमाल करना चाहिए. यूरिया की बची हुई तीन चौथाई मात्रा का इस्तेमाल, एक चौथाई मात्रा चारा काटने के बाद क्रमशः 1, 3 और 5 महीने के अंत में करना चाहिए.
सिंचाई और कटाई
अवांछित खरपतवारों को हटा देना चाहिए और सूखे महीनों में सिंचाई करने से चारे की पैदावार में सुधार होगा. चारे की पहली फसल रोपण के 60 दिन बाद काटी जा सकती है. उसके बाद हर 45 दिन में चारे की कटाई करनी होती है. एक बीघा जमीन से करीब 175 क्विंटल चारा मिलता है. तीन साल बाद पुराने पौधों को हटाकर नई फसल लगानी चाहिए. नेपियर में 10.2 फीसदी प्रोटीन, 0.86 फीसदी कैल्शियम और 0.37 फीसदी मात्रा फॉस्फोरस की होती है.