मछलियों में बढ़ रहीं ये 3 खतरनाक बीमारियां, किसान ऐसे इलाज कर नुकसान से बचें

मछली पालन में भी किसानों को मछलियों की देखभाल की जरूरत होती है. लेकिन कई बार किसानों की लापरवाही से मछलियां गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाती हैं.

नोएडा | Updated On: 19 Apr, 2025 | 09:25 PM

देश के किसानों के लिए केवल फसलों का उत्पादन और पशुपालन ही कमाई का जरिया नहीं है बल्कि मछली पालन से भी किसान कमाई करते हैं. वर्तमान में किसानों के बीच मछली पालन का चलन तेज हो गया है. लेकिन मछली पालन से जुड़ी सही जानकारी न होने के कारण कई बार किसानों को भारी नुकसान हो जाता है. मछली पालन में भी किसानों को मछलियों की देख-रेख और देखभाल की जरूरत होती है. लेकिन कई बार किसानों की लापरवाही से मछलियां गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाती हैं. ऐसे में चलिए बात कर लेतें हैं मछलियों को होने वाली तीन गंभीर और खतरनाक बीमारियों के बारे में.

मछलियों को होने वाली 3 बीमारियां

ड्रॉप्सी बीमारी: इस बामारी में मछलियों के किसी भी अंग में पानी भर जाता है. इस बामीरी के कारण मछलियां पानी के अंदर ही बनी रहती हैं और कुछ दिनों में उनकी मौत हो जाती है. अगर किसानों को मछलियों में ऐसे लक्षण दिखें तो उन्हें तुरंत ऐसा मछलियों को तालाब से बाहर निकाल देना चाहिए. इस बीमारी के होने का मुख्य कारण है  तालाब में पर्याप्त भोजन का न होना. इसलिए किसानों के लिए जरूरी है कि वे मछलियों को पर्याप्त रूप से भोजन दें. साथ ही हर 15 दिन में तालाब में चूना डालें.

गिलरॉट बीमारी: यह मछलियों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी है जिसमें मछलियों के गलफड़े सड़ जाते हैं और मछलियां मर जाती हैं. अगर तालाब में किसी मछली में इस बीमारी के लक्षण दिखें तो ऐसी मछली को तुरंत तालाब से बाहर निकाल दें और भोजन बंद कर दें. इस बीमारी से बचाव के लिए तालाब में ताजा पानी भरवाएं और बीमार हुई मछली को एंटी ब्राइन घोल में नहलाएं.

फफूंद बीमारी: मछलियों के शरीर पर किसी तरह की चोट या रगड़ लग जाती है तो उन पर रुई की तरह फफूंद लग जाती है. ऐसे में मछलियां सुस्त हो जाती हैं और पानी की सतह पर आ जाती हैं. इस बीमारी से बचाव के लिए मछलियों को 5 से 10 मिनट तक नमक के घोल, नीला थोथा के घोल और पोटैशियम के घोल में नहलाएं.

इसलिए मछलियों को होती है बीमारी

कई बार ऐसे हाता है कि सही जानकारी न होने के कारण या फिर किसानों की लापरवाही के कारण तालाब गंदा हो जाता है. किसान सही से तालाब की सफाई नहीं करते हैं न ही तालाब से सहील तरीके से चूना डालते हैं. जिसके चलते मछलियां इन खतरनाक बीमारियों का शिकार हो जाती हैं और उनकी मौत हो जाती है.

Published: 20 Apr, 2025 | 10:00 AM