गर्मी का मौसम गाय और भैंस जैसे पालतू जानवरों के लिए मुश्किल भरा होता है, तेज धूप और उमस न सिर्फ उनकी सेहत को प्रभावित करती है, बल्कि दूध उत्पादन में भी कमी ला सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि वैज्ञानिक ढंग से बनाया गया मजबूत शेड मवेशियों को राहत देने के साथ-साथ उनकी सेहत और उत्पादकता को बढ़ाता है. हालांकि, गलत डिजाइन, खराब वेंटिलेशन या पानी की निकासी की कमी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं. आइए जानते हैं कि मवेशियों के लिए शेड बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
ऊंची और सूखी जगह चुनें
मवेशी शेड के लिए स्थान का सही चयन बेहद जरूरी है. शेड बनाते समय ध्यान रखें कि इसे ऊंचे और सूखे इलाके में बनाएं, ताकि बारिश में पानी जमा न हो. साथ ही, ऐसी जगह चुनें जहां साफ पानी और चारे की व्यवस्था आसानी से उपलब्ध हो. इससे गर्मियों में मवेशियों की देखभाल में सुविधा होगी और उन्हें बार-बार दूर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
हवा, रोशनी का रखें ध्यान
हर गाय या भैंस के लिए कम से कम 10 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा स्थान होना चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मवेशियों को खुले में घूमने की सुविधा देनी हो तो प्रति मवेशी लगभग 40-50 वर्गफुट खुली और 20-25 वर्गफुट छायादार जगह जरूरी है. वहीं शेड की दीवारें लगभग 5-6 फीट ऊंची हों और दोनों तरफ से हवा का अच्छा बहाव बना रहे. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि प्राकृतिक रोशनी भी अंदर तक पहुंचे, ताकि मवेशियों को स्वस्थ माहौल मिले.
मजबूत फर्श और ठंडी छत जरूरी
शेड का फर्श सीमेंट का हो और हल्का ढलान वाला हो, ताकि मूत्र और पानी आसानी से बाहर निकल जाए. इसके अलावा सफाई के लिए निकासी नालियों का इंतजाम करें और सप्ताह में एक बार कीटनाशक का छिड़काव जरूर करें. इसमें ध्यान रखने की बात यह है कि पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए छत पर पुआल या थर्मल शीट का इस्तेमाल करें, जिससे शेड के अंदर का तापमान नियंत्रित रहे.
अच्छे शेड से बढ़ जाएगा 15 फीसदी दूध
विशेषज्ञों को मानना है कि एक अच्छा शेड न सिर्फ मवेशियों को बीमारियों से बचाता है, बल्कि दूध उत्पादन में औसतन 10-15 फीसदी तक की बढ़ोतरी भी कर सकता है. ऐसे में, पशुपालकों को चाहिए कि वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर अपने मवेशियों के लिए बेहतर शेड तैयार करें.