गाय, भैंस, भेड़-बकरी का पालन करने वाले किसानों और पशुपालकों के लिए हरा चारा न केवल पशुओं के लिए आवश्यक होता है, बल्कि यह मुनाफा कमाने का एक बड़ा स्रोत भी बन सकता है. यदि आप भी पशुपालन करते हैं तो आपको हरे चारे को स्टोर करने और उसे बेचने का तरीका सीखकर इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए. सही तकनीक और कुछ एक्सपर्ट के टिप्स के साथ, आप गर्मी और बरसात के मौसम में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
हरा चारा-एक बड़ी समस्या
आजकल हर छोटे से बड़े पशुपालक को हरे चारे की कमी का सामना करना पड़ रहा है. यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है क्योंकि साल के कुछ महीनों में ही हरा चारा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है. और, इतने अधिक हरे चारे को एक साथ पशुओं को खिलाना संभव नहीं हो पाता. यही वह समय होता है जब इस चारे को स्टोर किया जा सकता है और बाद में इसे बेचा भी जा सकता है.
हरे चारे को स्टोर करने के फायदे
सभी चारे को एक साथ पशुओं को खिलाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इसके बजाय, जब हरा चारा भरपूर मात्रा में उपलब्ध होता है. वहीं,चारे को साइलेज की मदद से स्टोर किया जा सकता है. दरअसर, साइलेज वह प्रक्रिया है जब ज्यादा नमी वाले चारे को प्रोसेस किया जाता है. यह हरे चारे को खराब होने से बचाता है और उसके पोषक तत्वों को बरकरार रखता है. साइलेज को पशुओं को खिलाया जाता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि पशुपालक यदि एक छोटी सी ट्रेनिंग लें तो वे न केवल अपने पशुओं को सस्ते हरे चारे से सालभर ल़ाभान्वित कर सकते हैं, बल्कि इसे बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं.
ध्यान रखने योग्य बातें
चारे को स्टोर करने की एक खास प्रक्रिया होती है, जिससे न केवल चारा सुरक्षित रहता है, बल्कि पशुओं के लिए भी सुरक्षित रहता है. आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में.
साइलेज बनाने का तरीका-साइलेज बनाने के लिए सबसे पहले हरे चारे की कटाई सुबह के समय करनी चाहिए. इससे चारे को सुखाने के लिए पूरा दिन मिल जाता है. कटाई के बाद, चारे के पत्तों को अच्छे से सुखाना बहुत जरूरी है. इसके बाद ही साइलेज की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.
पत्तों को सुखाने का तरीका– चारे को कभी भी सीधे जमीन पर न सुखाएं क्योंकि इससे चारे में फंगस लगने की संभावना बढ़ जाती है. छोटे-छोटे गठ्ठर बनाकर चारे को ऊपर लटकाकर सुखाना सबसे अच्छा तरीका है. इससे चारे का पत्तों का हिस्सा अच्छे से सूख सकता है.
नमी का स्तर– चारे में 15 से 18 फीसदी नमी रह जाए तब उसे साइलेज प्रक्रिया में शामिल करें. ज्यादा नमी या कम नमी दोनों ही साइलेज बनाने के लिए सही नहीं हैं.
फंगस का खतरा– सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कभी भी फंगस लगा हुआ चारा अपने पशुओं को न खिलाएं. फंगस से प्रभावित चारा उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इसलिए चारे को सही तरीके से सुखाना और उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना आवश्यक है.
साइलेज तैयार करने के फायदे
यदि आप सही तरीके से साइलेज तैयार करते हैं, तो यह न केवल आपके पशुओं के लिए एक अच्छा और सस्ता आहार होता है, बल्कि आप इसे बेचकर अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं. यही कारण है कि किसान और पशुपालक साइलेज बनाने की प्रक्रिया में एक्सपर्ट की सलाह और प्रशिक्षण लेकर इसका पूरा फायदा उठा सकते हैं.