लू में कैसे बचाएं अपने मवेशी? जानिए लक्षण, बचाव और तुरंत इलाज के तरीके

तेज गर्मी में मवेशियों को लू का खतरा बढ़ जाता है. सही देखभाल और समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है. उपाय जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

नोएडा | Published: 12 Apr, 2025 | 12:04 PM

देश के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच चुका है. ऐसे में भैंस, गाय और बैल लू लगने से बीमार पड़ रहे है. इसलिए जरूरी है कि किसान समय रहते लक्षण पहचानें और सही तरीका अपनाएं. क्या है सही तरीका चलिए इसके बार में जान लेते हैं?

लू लगने पर पशुओं में दिखते हैं ये लक्षण

गर्मी के मौसम में अगर मवेशियों को लू लग जाए, तो उनके शरीर में कई गंभीर लक्षण दिखाई देने लगते हैं. सबसे पहले तेज बुखार आ सकता है और मवेशी लगातार हांफने लगते हैं. इसके अलावा मुंह से लार गिरने लगती है और वे खुला मुंह करके सांस लेते हैं, जिससे तकलीफ साफ नजर आती है. ऐसे में पशु सुस्त हो जाते हैं, उनमें थकावट और बेचैनी बढ़ जाती है. जिसके चलते उनकी भूख कम हो जाती है और वे बार-बार पानी पीने लगते है.

कई बार तो ऐसा भी होता है कि उनका पेशाब रुक जाता है या बहुत कम मात्रा में होता है, साथ ही दिल की धड़कन तेज हो जाती है और पेट फूलने लगता है. अगर इस तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत इलाज शुरू करें.

मवेशियों को लू से कैसे बचाएं?

1. मवेशियों को सीधे सूरज की धूप से बचाएं, छायादार पेड़ या हवादार पशुशाला में बांधें

2. दीवारों पर बोरी या टाट टांगकर पानी छिड़कें, ताकि अंदर ठंडी हवा आए

3. दिन में 3-4 बार साफ, ठंडा पानी पिलाएं

4. भैंस को 2-3 बार पानी से नहलाना फायदेमंद है

5. जौ, गेहूं का चोकर, एजोला घास और खनिज मिश्रण शामिल करें

6. सुबह जल्दी या शाम को देर में चराई पर ले जाएं

अगर लू लग ही जाए तो तुरंत करें ये इलाज

1. पशु को ठंडी जगह रखें

2. पूरे शरीर पर ठंडा पानी या बर्फ रगड़ें

3. पानी में चीनी, भुना जौ और थोड़ा नमक मिलाकर घोल बनाएं और पिलाएं

4. पुदीना और प्याज का अर्क दें

5. ताप कम करने वाली दवा और इलेक्ट्रोलाइट थेरेपी कराएं

6. हालत बिगड़ने पर तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें