मछली पालन के लिए यह सही समय है. क्योंकि, तालाब में बच्चे डालने का सटीक समय मार्च से जुलाई तक का होता है. इस समय डाली गई मछलियों में बीमारियां होने का खतरा कम है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि मछली उत्पादन ज्यादा हासिल करना चाहते हैं और अच्छा मुनाफा बनाना चाहते हैं तो मछली पालकों को खुराक पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. उन्होंने गर्मियों में बढ़ते तापमान के दौरान मछलियों के लिए स्वास्थ्य का ध्यान रखने के टिप्स भी बताए हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र गाजियाबाद के प्रमुख डॉक्टर प्रमोद कुमार ने किसान इंडिया से बातचीत में मछली पालकों को अच्छा उत्पादन और कमाई हासिल करने के लिए कई सुझाव दिए हैं. उन्होंने बताया कि मछली पालन के लिए सबसे उत्तम समय मार्च से जुलाई तक का होता है. जो भी मछली पालन करना चाहता है, चाहे वह छोटे स्तर पर हो या बड़े तालाब के लिए हो, वह अभी बच्चों को डाल सकता है.
बीमारियों से बची रहेंगी मछलियां
विशेषज्ञ ने बताया कि इस समय तालाब में मछलियों के बच्चे डालने से उनमें बीमारियां फैलने का खतरा कम रहता है. हालांकि, गर्म तापमान से मछलियों को बचाए रखने की चुनौती जरूर होती है. उन्होंने कहा कि जुलाई में बच्चा डालने से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा अधिक होता है. क्योंकि, उस समय बारिश का खराब पानी भी तालाब में मिक्स हो जाता है, जो कई बार मछलियों के लिए हानिकारक बन जाता है. उन्होंने मछली पालकों से अपील करते हुए कहा कि मछली पालन के लिए जून से पहले से बच्चे तालाब में छोड़ दें.
गर्मी में मछलियों को दाना देने का सही समय
डॉक्टर प्रमोद कुमार ने गर्म तापमान में मछलियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए कहा कि मछलीपालक तालाब का पानी समय-समय पर बदलते रहें. उन्होंने कहा कि गर्मियों के दौरान मछलियों को खुराक समय पर देना जरूरी है. क्योंकि, गर्म तापमान के चलते पानी में अपने आप पैदा होने वाले कीट जो मछलियों का भोजन बनते हैं वो गर्म तापमान के चलते कम पनप पाते हैं. ऐसे में गर्मी के दिनों में मछलियों को दाना देने का सही समय सुबह और शाम का है.
मछली पालक घर में दाना कैसे बनाएं
उन्होंने बताया कि मछली पालक घर में दाना बना सकते हैं. इसके लिए चावल की पॉलिश का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें खली मिलाकर मछलियों को खिलाने के लिए लड्डू बनाकर तालाब में डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि मछलियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए दाने में सप्लीमेंट मिक्स्चर देना भी जरूरी होता है. मछलियों को खनिज मिश्रण जैसे कैल्शियम, सेलेनियम, फॉस्फोरस, विटामिन आदि तत्वों की जरूरत होती है, जिसे पूरा करने के लिए सप्लीमेंट मिक्स्चर देना होता है. सप्लीमेंट मिक्स्चर अलग-अलग कंपनियों का बाजार में उपलब्ध रहता है.
मछलियों के लिए दाना की सही मात्रा क्या हो
डॉक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि अच्छा उत्पादन हासिल करने के लिए मछलियों को सटीक मात्रा में दाना यानी खुराक देना जरूरी है. उन्होंने कहा कि यूं तो मछलियों की ब्रीड और वजन पर उनकी खुराक तय होती है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर एक एकड़ के तालाब में 4 से 5 हजार मछलियां होती हैं. इतनी संख्या में मछलियों की खुराक के लिए 1-2 किलो फीड मिक्स्चर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि खुराक में घर में तैयार की गई खुराक के साथ सप्लीमेंट मिक्सचर देना जरूरी है…..

प्रशस्ति पत्र के साथ सफल किसान मंजू कश्यप.
सफल किसान मंजू कश्यप ने एकीकृत मॉडल समझाया
केवीके प्रमुख ने बताया कि 25-27 मार्च तक गाजियाबाद केंद्र पर किसानों को एकीकृत खेती, प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, मछली पालन की नई तकनीक के बारे में किसानों को ट्रेनिंग दी गई है. उन्होंने कहा कि अन्वेषी कृषक राष्ट्रीय सम्मान पा चुकीं सफल किसान मंजू कश्यप ने किसानों को मछली पालन, सब्जी-फल-मुर्गी और बत्तख पालन पर एकीकृत खेती के मॉडल के बारे में बताया. मंजू कश्यप को उत्तर प्रदेश सरकार के 8 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मंत्री जसवंत सैनी ने प्रशस्ति पत्र भी सौंपा है.