Kankrej Cow: गुजरात का गौरव कही जाती है ये गाय, अपनी खूबियों के चलते है लोकप्रिय

किसान दूध की अधिक मात्रा के चलते गायों को पालते हैं, ताकि उनकी कमाई में भी इजाफा हो सके. इसके साथ ही डेयरी में आजकर दूध की खरीद और कीमत उसमें पाए जाने वाले फैट से भी तय होने लगी है.

नोएडा | Updated On: 13 Apr, 2025 | 03:32 PM

जब बात देशी गायों की आती है तो गुजरात की कांकरेज गाय का नाम सबसे पहले ज़ुबान पर आता है. ये गाय न सिर्फ खूब दूध देती है, बल्कि अपने शांत व्यवहार की वजह से किसानों की सच्ची साथी भी कहलाती है. खेतों में मेहनत हो या घर में दूध की जरूरत, कांकरेज नस्ल की गाय और बछड़े हर मोर्चे पर लाजवाब हैं. तो चलिए, आज इस खास नस्ल की कहानी को करीब से जानते हैं.

एक ब्यांत में औसतन 1738 लीटर दूध

नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के मुताबिक ये गाय एक ब्यांत में औसतन 1738 लीटर दूध देती है. वहीं न्यूनतम और अधिकतम की बात की जाए तो यह गाय औसतन 800 लीटर से लेकर अधिकतम 1800 लीटर तक दूध देती है. रोजाना की बात करें तो ये गाय 6 से 10 लीटर तक दूध देती है.

दूध में सबसे ज्यादा होता है फैट

एनडीडीबी के अनुसार कांकरेज नस्ल काफी सीधी मानी जाती है और इस नस्ल की गायों को चारा-पानी और बढ़िया माहौल मिले तो इसकी दूध की क्षमता बढ़कर 15 लीटर तक भी पहुंच जाती है. इसके दूध में फैट 2.9% से 4.2% तक होता है, जो इसे अन्य नस्ल की गायों से खास बनाता है.

रंग रूप और कद कांठी

कांकरेज गाय न सिर्फ दूध देती है, बल्कि खेती में भी किसानों का हाथ बटाती है. इसकी सिल्वर-ग्रे, आयरन ग्रे या स्टील ग्रे रंगत देखते ही बनती है. इसके सींग वीणा की तरह बाहर और ऊपर की ओर मुड़े होते हैं, जो इसकी पहचान हैं. वजन की बात करें तो इस नस्ल के प्रौढ़ गाय का वजन करीब 320-370 किलो और ऊंचाई लगभग 125 सेमी होती है, जबकि बैल करीब 158 सेमी तक लंबे और लगभग 148 सेमी तक ऊंचे होते हैं. देखा जाए तो ये नस्ल मवेशियों में सबसे भारी नस्लों में शुमार है.

कांकरेज गाय की कीमत

अब बात कीमत की, कांकरेज गाय की कीमत उसकी उम्र, दूध देने की क्षमता और स्थान के हिसाब से 25,000 रुपये से 65,000 रुपये तक होती है. इसके अलावा कुछ राज्यों में इस गाय की कीमत कम या ज्यादा भी हो सकती है.

कहां पाई जाती है?

गुजरात का गौरव कांकरेज गाय अपनी अनूठी खूबियों के लिए जानी जाती है. बनासकांठा, खेड़ा, महेसाणा, साबरकांठा और कच्छ जैसे इलाकों में ये गाय घर-घर की शान है. राजस्थान के बाड़मेर और जोधपुर में भी इसका जलवा कम नहीं. इसका नाम बनासकांठा के कांक तालुका से पड़ा, और इसे वगड़िया, बोनई, नागर जैसे प्यार भरे नामों से भी पुकारा जाता है.

क्यों है ये खास?

कांकरेज गाय न सिर्फ़ दूध और खेती के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसकी मजबूत बनावट और सहनशीलता इसे हर किसान का पसंदीदा बनाती है. गुजरात और राजस्थान के गांवों में ये गाय समृद्धि का प्रतीक है. कांकरेज गाय सचमुच देशी नस्लों की रानी है.

Published: 13 Apr, 2025 | 03:32 PM