एलोवेरा की खेती में खाद, कीटनाशक और उर्वरकों पर कम खर्च आता है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है.
एलोवेरा को अधिक उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती. यह खराब मिट्टी और कम उपजाऊ भूमि में भी अच्छी तरह बढ़ सकता है.
एलोवेरा सूखा-प्रतिरोधी पौधा है, जिसे कम पानी और कम देखभाल की जरूरत होती है. इसलिए यह कम संसाधनों में भी अच्छी उपज देता है.
एलोवेरा का उपयोग औषधीय उत्पादों, कॉस्मेटिक्स, हेल्थ ड्रिंक्स, जैल और स्किन केयर प्रोडक्ट्स में किया जाता है, जिससे इसकी मांग सालभर बनी रहती है.
एक एकड़ जमीन में लगभग 11,000 पौधे लगाए जा सकते हैं, जिससे 25 टन तक पैदावार होती है. बाजार में एक टन एलोवेरा की कीमत 20,000 से 30,000 रुपये तक हो सकती है. इस प्रकार, एक एकड़ से 5 लाख रुपये तक की कमाई संभव है.