गन्ना (Sugarcane) भारत की प्रमुख नकदी फसल है, गन्ने से चीनी, गुड़, और शरबत जैसे उत्पादों के लिए उगाया जाता है. गन्ने की खेती न केवल किसानों के लिए आर्थिक लाभ का एक महत्वपूर्ण साधन है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अगर आप गन्ने की खेती से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आपको सही समय पर सही किस्म का चयन करना जरूरी है. खासकर अप्रैल महीने में कुछ खास गन्ने की किस्में हैं, जिन्हें लगाने से बंपर पैदावार मिल सकती है.
अप्रैल में लगाने के लिए गन्ने की बेहतरीन किस्में-
Co-86032 (शिवाजी)
यह गन्ने की एक लोकप्रिय किस्म है, जो खासकर उत्तर भारत और मध्य भारत में उगाई जाती है. यह किस्म उच्च चीनी उत्पादन के लिए जानी जाती है और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है. Co-86032 की पैदावार 100-120 टन प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है. इसकी विशेषता यह है कि यह किस्म शुष्क मौसम में भी अच्छा उत्पादन देती है.
Co-94012
यह किस्म विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में उगाई जाती है. Co-94012 गन्ने की एक उच्च पैदावार वाली किस्म है और इसकी चीनी उत्पादन क्षमता भी अधिक होती है. यह किस्म ताजे गन्ने के अलावा उद्योगों के लिए भी उपयोगी होती है. इसके अलावा, यह किस्म पानी की कमी में भी अच्छी पैदावार दे सकती है, जो कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बेहद लाभकारी है.
Co-0238
यह एक नई किस्म है, जो गन्ने की खेती के लिए बहुत लाभकारी मानी जाती है. यह किस्म विशेष रूप से ऊंचे इलाकों और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से उगती है. Co-0238 में अधिक चीनी की मात्रा होती है और इसकी पैदावार भी अच्छी रहती है. यह किस्म किसानों को अच्छे बाजार मूल्य के साथ लाभ प्रदान करती है.
Co-15023
यह गन्ने की एक और उच्च उत्पादन वाली किस्म है, जो मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में उगाई जाती है. यह किस्म जल्दी पकने वाली होती है और इसमें चीनी का स्तर भी अच्छा होता है. Co-15023 में गन्ने के ताजे उत्पादन के साथ-साथ चीनी मिलों में अच्छा लाभ मिलता है. इस किस्म का उत्पादन 100-120 टन प्रति हेक्टेयर तक हो सकता है.
Co-86019
यह गन्ने की किस्म खासकर महाराष्ट्र और उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है. Co-86019 किस्म को इसकी उच्च उत्पादन क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जाना जाता है. इसमें चीनी की मात्रा भी अच्छी होती है और यह किस्म मौसम के बदलाव के प्रति काफी लचीली होती है. इसे सही तरीके से उगाने पर किसान इससे बंपर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
गन्ने की खेती में इन बातों का रखे ध्यान-
सही भूमि का चयन
गन्ने की खेती के लिए उपजाऊ, जल निकासी वाली भूमि सबसे उपयुक्त होती है. भूमि का चयन करते समय यह ध्यान रखें कि पानी की कोई कमी न हो, क्योंकि गन्ने को अधिक पानी की जरूरत होती है.
मिट्टी की तैयारी
गन्ने के बीज को बोने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करें. मिट्टी को समतल और भुरभुरी बनाएं, ताकि उसमें जल की अच्छी निकासी हो और जड़ों को पर्याप्त जगह मिल सके.
बीज का चयन
गन्ने की बीज कटी हुई लकड़ी या गन्ने के टुकड़ों के रूप में होते हैं. बीज का चयन करते समय यह ध्यान रखें कि बीज स्वस्थ और रोगमुक्त हो. खराब बीज से उत्पादन कम हो सकता है, इसलिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का चुनाव करें.
सिंचाई का ध्यान रखें
गन्ने को अधिक पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए फसल को नियमित रूप से पानी दें. खासकर, जब गन्ना बढ़ता है तो सिंचाई पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि फसल की अच्छी वृद्धि हो सके.
खाद का सही उपयोग
गन्ने की फसल को अच्छी पैदावार के लिए उर्वरकों का सही इस्तेमाल करना बहुत महत्वपूर्ण है. सबसे पहले नाइट्रोजन आधारित खाद का उपयोग करें और बाद में फास्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग करें.
खरपतवार नियंत्रण
खेत में खरपतवारों को न बढ़ने दें क्योंकि यह गन्ने की जड़ों और वृद्धि को प्रभावित कर सकता है. समय-समय पर खरपतवार की सफाई करें और जरूरत पड़ने पर कीटनाशक का उपयोग करें.