गर्मियों में उगाया जाने वाला तरबूज, भारत के लोकप्रिय फलों में से एक है. इसके मीठे स्वाद और उच्च मांग के कारण किसान इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करते हैं. हालांकि, तरबूज की खेती पर कीट किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं.
यदि सही समय पर इन पर ध्यान न दिया जाए, तो इसकी पैदावार और गुणवत्ता को काफी नुकसान पहुंच सकता है. चलिए जानते हैं कि किसान तरबूज की फसल को प्रभावित करने वाले प्रमुख कीटों से कैसे छुटकारा पा सकते हैं.
तरबूज पर हमला करने वाले प्रमुख कीट
1. एफिड्स
ये छोटे कीट तरबूज के पौधों का रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां पीली पड़कर मुरझा जाती हैं और पौधे का विकास रुक जाता है. ये कीट पौधों में वायरस फैलाने का काम भी करते हैं.
बचाव: इन कीटों के खात्मे के लिए नीम तेल या जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें. इसके साथ ही लेडीबग्स और लेसविंग्स जैसे प्राकृतिक शत्रुओं को बढ़ावा दें.
2. स्पाइडर माइट्स
ये कीट पत्तियों पर महीन जाले बुन देते हैं, जिससे पत्ते पीले होकर झड़ने लगते हैं. इसकी वजह से तरबूज की फसल खराब होने लगती है.
बचाव: खेतों में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई करते रहें. इससे ये कीट पनप नहीं पाते. गंभीर संक्रमण की स्थिति में माइटिसाइड्स का उपयोग करें.
3. खीरा बीटल
जब भी तरबूज की फसल पर इन कीटों का अटैक होता है, तब इसकी पत्तियों, फूलों और फलों को नुकसान पहुंचता है, और यह बैक्टीरियल विल्ट रोग भी फैलाते हैं.
बचाव: इन कीटों से बचाने के लिए युवा पौधों पर सुरक्षात्मक जाल (रो कवर) लगाएं और कीटनाशक या ट्रैप फसलों का उपयोग करें.
4. थ्रिप्स
इन कीटों के हमले से पत्तियां चांदी जैसी सफेद पड़ जाती हैं और फूल खराब हो जाते हैं. इतना ही नहीं, फलों को भी इससे गंभीर नुकसान होता है, और उन पर दाग पड़ने लगते हैं.
बचाव: इनसे बचने के लिए नीले चिपचिपे ट्रैप का इस्तेमाल करें. जैविक कीटनाशक या स्पिनोसैड आधारित उत्पादों का पौधों पर छिड़काव करें.
5. व्हाइटफ्लाई
तरबूज पर जब भी ये कीट नजर आते हैं, तब पत्तियां पीली पड़कर मुरझा जाती हैं और फल खराब होने लगते हैं.
बचाव: इनसे बचाव के लिए परजीवी ततैया को बढ़ावा दें. साथ ही परावर्तक मल्च और जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें.