फरवरी में ऐसे करें लीची के फलों की देखभाल, कीटों से बचाएं फसल को 

फरवरी महीने में मौसम में बदलाव और न्यूनतम तापमान में वृद्धि की वजह से लीची के बगीचों पर खतरा आ सकता है. लीची के लिए यह मौसम बहुत नाजुक होता है.यही वह समय होता है जब पेड़ में कई तरह के कीट और रोगों का प्रकोप हो सकता है.

Published: 22 Feb, 2025 | 09:32 AM

फरवरी महीने में मौसम में बदलाव और न्यूनतम तापमान में वृद्धि की वजह से लीची के बगीचों पर खतरा आ सकता है. लीची के लिए यह मौसम बहुत नाजुक होता है. लीची के पेड़ पर फूल आने वाले होते हैं और यही वह समय होता है जब पेड़ में कई तरह के कीट और रोगों का प्रकोप हो सकता है. किसानों के लिए इस समय बागवानी में विशेष सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस मौसम में लीची में लीची स्टिंक बग, दहिया कीट, लीची माइट और फल और बीज छेदक कीट का प्रकोप हो सकता है. इससे लीची बागों को बचाने की जरूरत होती है.   

कैसे रखें ध्यान

आज हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो लीची के बगीचों को सुरक्षित रखने के लिए बहुत ही जरूरी हैं. 

मौसम का ध्यान रखें 

तापमान में अचानक वृद्धि से लीची के फूलों पर असर पड़ सकता है. इससे फूल गिर सकते हैं या उनका विकास प्रभावित हो सकता है. ऐसे में बाग में छांव और पानी की उचित व्यवस्था रखें ताकि तापमान में उतार-चढ़ाव का असर कम हो. 

पानी और सिंचाई 

तापमान में वृद्धि के कारण बाग में पानी की कमी हो सकती है, जिससे लीची के फूलों और फल की वृद्धि रुक सकती है. नियमित रूप से सिंचाई की व्यवस्था रखें, लेकिन पानी की अधिकता से बचें, क्योंकि अधिक नमी से कीट और रोगों का प्रकोप बढ़ सकता है. 

कीटों का नियंत्रण 

फरवरी में लीची के पेड़ों में कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है, जैसे – मच्छर और ऐसे बाकी कीट जो फूलों और पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं. इस समय बाग में जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करें, लेकिन इन्हें सावधानीपूर्वक और सही समय पर छिड़कें.  कीटों को नियंत्रण में रखने के लिए नीम तेल या प्याज लहसुन के अर्क का प्रयोग करें, जो प्राकृतिक तरीके से कीटों को नष्ट कर सकते हैं. 

रोगों का नियंत्रण 

इस समय लीची के बागों में रोगों का प्रकोप भी बढ़ सकता है, जैसे – फफूंद, बैक्टीरियल रोग और वायरस. बायोफंगस या कॉपर्ड (कॉपर सल्फेट) का छिड़काव करके इन रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है. बाग की सफाई और सूखापन भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि नमी की अधिकता से फफूंद और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ता है. 

फूलों और नए पत्तों की देखभाल 

इस समय में फूलों की देखभाल करना जरूरी है क्योंकि फूल ही फलों के रूप में बदलते हैं. फूलों के गिरने और उनके विकृत होने से बचाने के लिए नियमित रूप से बाग में हवा का संचरण और सूरज की रौशनी सुनिश्चित करें.  लीची के पत्तों में कीटों और रोगों से बचाव के लिए फॉलियो स्प्रे का उपयोग करें. 

पेड़ों की छंटाई 

लीची के पेड़ों की छंटाई इस समय की जा सकती है ताकि पौधे पर अधिक दबाव न हो और वेंटीलेशन बेहतर हो सके. छंटाई से बीमार और सूखे पत्ते हटाए जा सकते हैं, जो रोगों के कारण बन सकते हैं.