लौंग (Syzygium aromaticum) एक सुगंधित मसाला है, जिसका उपयोग खाना पकाने, दवाइयों और सुगंधित उत्पादों में किया जाता है. यह मसाला विशेष रूप से अपने तीव्र और गर्म स्वाद के लिए जाना जाता है. अगर आप लौंग की खेती करने का विचार कर रहे हैं, तो चलिए जानते हैं कैसे करें इसकी खेती शुरुआत.
जलवायु और स्थान
लौंग एक उष्णकटिबंधीय पौधा है जो गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ता है. यह समुद्रतल से 600 से 1000 मीटर की ऊंचाई तक उगाया जा सकता है और सालाना 1500 से 2000 मिमी की बारिश की जरूरत होती है.
मिट्टी की तैयारी
लौंग के लिए अच्छी जल निकासी वाली, उपजाऊ और अम्लीय से तटस्थ मिट्टी (pH 5.5 से 6.5) उपयुक्त होती है. इसके साथ ही खेत की अच्छी तरह से जुताई करें और आवश्यक पोषक तत्वों की जानकारी के लिए मिट्टी परीक्षण करें.
पौधरोपण
लौंग के पौधे बीजों से उगाए जा सकते हैं. पके हुए फलों से बीज निकालकर उसे तुरंत बोएं, क्योंकि ताजे बीजों की अंकुरण दर अधिक होती है. बीजों से अंकुरण में 5-6 हफ्ते का समय लगता है.
रोपाई और अंतराल
दो साल पुराने स्वस्थ पौधों को 30x30x30 सेमी आकार के गड्ढों में जैविक खाद के साथ लगाएं. पौधों के बीच 6 मीटर का अंतराल रखें ताकि वे पर्याप्त जगह में बढ़ सकें.
सिंचाई
लौंग के पौधों को नियमित सिंचाई की जरूरत होती है, खासतौर पर गर्मी के मौसम में. लेकिन ध्यान रहे कि अत्यधिक सिंचाई से बचें, क्योंकि इससे जड़ सड़न हो सकती है.
उर्वरक और पोषण
पौधों की स्वस्थ वृद्धि के लिए फर्टिलाइजर का उपयोग करें. हो सके तो जैविक खाद को समय समय पर डालते रहें.
रोग और कीट प्रबंधन
लौंग के पौधों में कुछ सामान्य कीट और रोग हो सकते हैं. नियमित निगरानी करते रहें, अगर कोई रोग या कीट नजर आता है तो जैविक या रासायनिक उपचार करें.
कटाई
लौंग के फूल बड्स के रूप में उपयोग किए जाते हैं, जो फूलने से पहले एक निश्चित आकार और रंग में होते हैं. फूलने से पहले बड्स को तोड़कर छांट लें और सुखाकर मसाले के रूप में उपयोग करें.