नेपाल-भारत बॉर्डर पर नीलगाय का आतंक, बर्बाद किसानों ने छोड़ी खेती

नीलगाय आमतौर पर करीब 300 फीट से 1000 फीट की ऊंचाई पर पाई जाती है. इसका शरीर घोड़े के जैसा दिखता है और सिर हिरन सा होता है. भारत की तरह नेपाल में भी नीलगाय का शिकार अवैध है.

Noida | Published: 15 Mar, 2025 | 06:04 PM

नेपाल-भारत बॉर्डर क्षेत्र के करीब रहने वाले किसान अब खेती से पीछे हट रहे हैं. यहां पर किसान समुदाय हाशिए पर आ गया है. किसान समुदाय नीलगाय से खासा परेशान है. इस समस्या के समाधान के लिए किसान सरकार की निष्क्रियता की बात भी कहते हैं. नीलगाय को एशिया के सबसे बड़े हिरन के तौर पर जाना जाता है. अभी तक इसे भारत में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए जाना जाता रहा है. अब नेपाल के किसान भी इस जानवर की वजह से बर्बाद हो रहे हैं.

नीलगाय का शिकार अवैध

नीलगाय आमतौर पर करीब 300 फीट से 1000 फीट की ऊंचाई पर पाई जाती है. इसका शरीर घोड़े के जैसा दिखता है और सिर हिरन सा होता है. जो बात सबसे खास है, वह एक एक वयस्क नर आयरन ब्‍लू से हल्के भूरे रंग के होते हैं इसलिए इसका नाम नीलगाय पड़ा है. कई लोग इसके इसके बारे में यह भी कहते हैं कि इसमें गाय की भूख, घोड़े की गति और कुत्‍ते जैसी अलर्टनेस होती है. यह जानवर विशेष तौर पर शाम और रात के समय फसलों पर हमला करते हैं. इसकी वजह से कुछ क्षेत्रों में किसानों को 58 फीसदी तक का नुकसान उठाना पड़ता है. भारत की तरह नेपाल में भी नीलगाय का शिकार अवैध है.

किसानों के खेत बर्बाद

वेबसाइट स्‍क्रॉल की एक रिपोर्ट के अनुसार करीब तीन साल पहले दक्षिण-पश्चिमी नेपाल के गैदाहवा गांव के एक किसान राम चंद्र कुर्मी ने अपनी छोटी सी सब्जी की फसल को छोड़ दिया. 39 साल के कुर्मी कभी खेती करके अपने पांचजती हैं जब उन्हें भगाने के लिए कोई नहीं होता और खेतों में लगीं सब्जियां खा जाती हैं. किसान इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते थे और इसलिए पूरी तरह से खेती तरह से छोड़ने पर मजबूर हो गए.

तेजी से बढ़ती आबादी

नेपाल सरकार के पास देश के नेशनल पार्कों के बाहर नीलगायों पर आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं. हालांकि साल 2018 के वन और पर्यावरण मंत्रालय के अनुमान के अनुसार कई सीमावर्ती जिलों, जैसे रूपन्देही (जहां गैदहवा शहर स्थित है), कपिलवस्तु, नवलपरासी, रौतहट, सरलाही, धनुषा और सिरहा में 300 से 350 नीलगाय हो सकती हैं.

माना जाता है कि नेपाल में इस प्रजाति की आबादी में तेजी से इजाफा हुआ है क्योंकि नीलगाय बहुत ज्‍यादा प्रजनन करती हैं. नेपाल में नगरपालिका अधिकारी, संरक्षणवादी और रिसर्चर्स शोधकर्ता इस बात से सहमत हैं कि पिछले दशक में नीलगायों की जनसंख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.