भारत में भूजल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है, और यह स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है. विशेष रूप से कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था वाले देश में, जहां किसान अपनी खेती के लिए पानी पर निर्भर होते हैं, वहां भूजल का घटता स्तर एक बड़े संकट का कारण बन सकता है. इस समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिसे “भू-नीर पोर्टल” कहा जाता है. इस पोर्टल का उद्देश्य भूजल के सही उपयोग और प्रबंधन को सुनिश्चित करना है, जिससे किसान और अन्य व्यवसाय अपने काम को आसानी से कर सकें.
भू-नीर पोर्टल का उद्देश्य
भू-नीर पोर्टल जल शक्ति मंत्रालय द्वारा केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) के तहत शुरू किया गया है. इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य भूजल निकालने के लिए परमिट की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है. पहले, भूजल निकालने के लिए किसानों और उद्योगपतियों को काफी जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब इस पोर्टल के माध्यम से यह प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी. इसके अलावा, यह पोर्टल भूजल के स्थायी उपयोग को बढ़ावा देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि जल संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन किया जा सके.
पोर्टल के द्वारा किसे मिलेगा फायदा?
भू-नीर पोर्टल का लाभ सभी उन व्यक्तियों और संस्थानों को मिलेगा, जो भूजल का उपयोग करते हैं. सबसे पहले, यह किसानों के लिए फायदेमंद है, जो अपनी फसलों की सिंचाई के लिए भूजल पर निर्भर हैं. इसके अलावा, उद्योगों, जैसे फैक्ट्रियों और निर्माण परियोजनाओं को भी इस पोर्टल का फायदा होगा. जो भी व्यक्ति या संस्था अपने दैनिक कामों के लिए भूजल का उपयोग करना चाहती है, वह इस पोर्टल पर आवेदन कर सकती है.
पोर्टल की विशेषताएं
इस पोर्टल की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पूरी प्रक्रिया को बहुत सरल और डिजिटल बना देता है. अब कोई भी व्यक्ति सिर्फ एक पैन आईडी के जरिए पोर्टल पर रजिस्टर कर सकता है. इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी. पोर्टल में एक क्यूआर कोड का भी प्रावधान है, जिससे नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की वैधता आसानी से जांची जा सकती है.
इसके अलावा, इस पोर्टल का इंटरफेस बहुत आसान है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी परेशानी के इसे इस्तेमाल कर सकता है. पोर्टल पर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भूजल के नियमों और प्रथाओं के बारे में सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध होगी, जो किसी भी उपयोगकर्ता के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. इसके अलावा, पोर्टल पर आवेदन करने के बाद, लोग अपनी आवेदन स्थिति को रियल टाइम में ट्रैक कर सकते हैं.
भू-नीर पोर्टल के फायदे
भू-नीर पोर्टल के आने से कई फायदे होंगे. सबसे पहले, यह पोर्टल कागजी कार्यवाही को कम करेगा और प्रक्रिया को तेज़ बनाएगा, जिससे परमिट मिलने में देरी नहीं होगी. इसके अलावा, पोर्टल द्वारा भूजल के उपयोग को नियंत्रित किया जाएगा, जिससे जल संसाधनों का सही तरीके से उपयोग हो सकेगा और उन्हें बचाया जा सकेगा. यह पोर्टल न सिर्फ किसानों, बल्कि उद्योगों और अन्य वाणिज्यिक संस्थानों के लिए भी काफी उपयोगी साबित होगा. इसके जरिए सभी को आसानी से भूजल के इस्तेमाल के लिए परमिट मिलेगा, और यह सभी के लिए एक आसान और पारदर्शी प्रक्रिया होगी.