बर्ड फ्लू: केरल में दिया गया बर्ड फ्लू का मुआवजा,  899 पीड़‍ित किसानों को मिली रकम 

Published: 25 Feb, 2025 | 03:15 PM

केरल के पशुपालन मंत्री ने पिछले दिनों बर्ड फ्लू (H5N1) से नुकसान उठाते किसानों को मुआवजा अदा किया है. केरल में साल 2024 में बर्ड फ्लू की वजह से कई किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. भारी संख्‍या में किसानों की मुर्गिंयां और बत्‍तख इसकी चपेट में आ गई थीं और इससे उनकी आय का एक बड़ा हिस्‍सा चला गया था. जनवरी के आखिरी हफ्ते में किसानों के लिए सरकार की तरफ से मुआवजे का ऐलान किया गया था. 

कितने किसानों को मिला मुआवजा 

कुछ दिनों पहले केरल के कृषि मंत्री चिंचूरानी ने कहा था कि अलपुझा में 899, पथानामथिट्टा में 48 और कोट्टायम में 213 पोल्ट्री किसानों को 3.06 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. उन्‍होंने बताया कि बर्ड फ्लू के चलते मुर्गी और बत्तख समेत पोल्ट्री खोने वाले किसानों के साथ-साथ जिन पक्षियों को निवारक उपायों के तहत मार दिया गया था, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. मुआवजे की राशि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समान रूप से साझा की गई है. वित्त विभाग की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद बिल पहले ही राजकोष को सौंप दिए गए हैं. 

अप्रैल 2024 से फैली बीमारी 

16 अप्रैल 2024 को केरल में बर्ड फ्लू जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहते हैं, उसके पहले केस की पुष्टि हुई थी. अलप्पुझा के एडथुआ ग्राम पंचायत के वार्ड 1 में बत्तखों में यह बीमारी फैली थी. इसके बाद तीन जिलों में ब्रॉयलर चिकन और बटेर फार्मों सहित 38 उपरिकेंद्रों में इस बीमारी की पुष्टि हुई. इसकी गंभीरता का अध्ययन करने के लिए पशुपालन विभाग की तरफ से एक समिति गठित की गई थी. इस समिति ने कहा था कि वायरस का स्रोत प्रवासी पक्षी हो सकते हैं. 

पैनल ने की सिफारिशें 

पैनल ने राज्‍य में मार्च 2025 तक उन क्षेत्रों से पोल्ट्री के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी, जहां बीमारी फैल गई है. पैनल का कहना था कि इनफेक्‍टेड क्षेत्रों में हैचरी को मार्च 2025 तक बंद कर दिया जाना चाहिए, जो प्रवासी मौसम के खत्‍म होने का इशारा करते हैं. साथ ही संक्रमित क्षेत्रों से पोल्ट्री, मांस, अंडे और पक्षियों के मल को राज्य के अन्य हिस्सों में नहीं ले जाया जाना चाहिए. प्रतिबंध के तहत संक्रमित क्षेत्रों के फार्मों को पोल्ट्री को फिर से स्टॉक करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.