आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग प्राकृतिक और स्वस्थ जीवनशैली को प्राथमिकता दे रहे हैं. इसी कड़ी में ‘किचन गार्डन’ का चलन तेजी से बढ़ रहा है. किचन गार्डन का अर्थ है घर में किसी छोटे सी जगह पर सब्जियाँ, फल, हर्ब्स और फूल उगाना. यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार साबित हो रहा है. किचन गार्डनिंग, नॉर्मल गार्डनिंग से काफी अलग है. आमतौर पर किचन गार्डन छोटा होता है और आजकल इसे ऐसे डिजाइन किया जाने लगा है कि यह पूरे घर के लुक के साथ मैच होता है. सब्जियां, हर्ब्स और फल उगाने के लिए किचन गार्डन एक सही जगह है.
क्या हैं किचन गार्डन का फायदा
किचन गार्डन का सबसे बड़ा फायदा है अब आपको फ्रेश और केमिकल फ्री खाना घर पर ही मिलेगा. यहां पर उगाई गईं सब्जियां और फल पूरी तरह ऑर्गेनिक होते हैं, जिनमें किसी भी प्रकार का हानिकारक रसायन नहीं होता. साथ ही पैसों की भी बचत होगी. अब जब घर में ही जरूरी सब्जियां उगाई जा रही हैं तो फिर बाजार पर निर्भरता भी कम होगी और इससे पैसों की बचत होगी. साथ ही जितने ज्यादा पौधे, उतना ही ज्यादा पर्यावरण को साफ और शुद्ध बनाया जा सकता है. वहीं पौधों के साथ समय बिताना तनाव को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर होगा.
किचन गार्डन बनाने के आसान तरीके
-किचन गार्डन के लिए घर की छत, बालकनी, आंगन या खिड़की के पास की जगह का चुनाव करें, जहां पर्याप्त धूप आती हो.
-ऑर्गेनिक खाद और अच्छी मिट्टी मिलाकर उपजाऊ मिट्टी तैयार करें.
-अपनी जरूरत और मौसम के अनुसार बीजों का चयन करें, जैसे टमाटर, मिर्च, पालक, धनिया, तुलसी, पुदीना आदि.
-पौधों को समय-समय पर पानी देना, निराई-गुड़ाई करना और कीटनाशक दवाओं के बजाय प्राकृतिक उपायों का उपयोग करना आवश्यक है.
-अगर जगह कम हो तो गमलों या लटकते हुए बर्तनों में पौधे उगाकर वर्टिकल गार्डनिंग कर सकते हैं.
इन पौधों को दे तरजीह
-सब्जियों में आप टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, पालक, मेथी के पौधे लगा सकते हैं.
-वहीं हर्ब्स या जड़ी-बूटियों में धनिया, तुलसी, पुदीना, अजवायन कारगर होंगे.
-नींबू, अमरूद, स्ट्रॉबेरी के पौधे भी आसानी से लगाए जा सकते हैं.
-वहीं गुलाब, गेंदा, चमेली जैसे फूल लगाकर आप अपने घर में पॉजिटिविटी और खुशबू ला सकते हैं