अबतक आपने हरे और पीले रंग के अमरूदों का ही जायका लिया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमरूद काले भी होते हैं? ये जानकर आपको हैरानी होगी कि भारत में किसान परंपरागत खेती से अलग आधुनिक तरीकों को अपनाकर काले अमरूद की खेती कर रहे हैं.
ये अमरूद स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर होते हैं. इस अमरूद की मांग देश विदेश में तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में किसान भाइयों के पास कमाई करने का एक शानदार मौका है. जानिए कैसे काले अमरूद से होगा कमाई में इजाफा?
काले अमरूद के फायदे
स्वास्थ्यवर्धक गुण: काला अमरूद बाहर से गहरे काले रंग का दिखता है, जबकि अंदर से इसका गूदा लाल होता है. यह अमरूद एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग: इस अमरूद में पाए जाने वाले पोषण गुणों के कारण विदेशों में भी इसकी भारी मांग है, जिससे निर्यात के माध्यम से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
कम रखरखाव, ज्यादा उत्पादन: सामान्य अमरूद की तरह ही काले अमरूद की खेती में ज्यादा जटिलताएं नहीं होतीं, और सही देखभाल से कम समय में बेहतर उत्पादन मिलता है.
काले अमरूद की खेती कैसे शुरू करें?
जलवायु और मिट्टी: काले अमरूद की खेती के लिए भारत की जलवायु उपयुक्त है. खासकर दोमट मिट्टी में इसकी खेती सबसे अच्छी होती है. खेती के लिए ऐसे क्षेत्र चुनें जहां पानी की निकासी अच्छी हो.
खेती का समय: सर्दियों के मौसम में इसकी खेती शुरू करना सबसे बेहतर होता है. ध्यान रखें कि ज्यादा नमी वाली जगहों पर फसल को नुकसान हो सकता है.
सिंचाई और खाद: पौधों को समय-समय पर पानी देना जरूरी है, खासकर गर्मियों के मौसम में. जैविक खाद या कम्पोस्ट का इस्तेमाल करने से पौधे स्वस्थ रहते हैं और फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है.
देखभाल और छंटाई: पौधे के विकास के साथ-साथ समय-समय पर छंटाई करनी चाहिए ताकि पौधा मजबूत और स्वस्थ बना रहे.
कहां हो रही खेती?
भारत के हिमाचल प्रदेश, बिहार, और उत्तर प्रदेश के कई किसानों ने इसकी खेती शुरू कर दी है और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इनकी सफलता को देखकर अन्य राज्यों के किसान भी इस फसल की ओर आकर्षित हो रहे हैं.