काली मिर्च, जिसे पाइपर नाइग्रम और ब्लैक पेपर नाम से भी जाना जाता है. यह पाइपरेसी परिवार का सदस्य है. यह एक महत्वपूर्ण मसाला और औषधीय पौधा है, जिसका इस्तेमाल भारतीय रसोई और आयुर्वेदिक चिकित्सा में बड़े पैमाने पर किया जाता है. यह मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत में उगाई जाती है.
स्वाद और सेहत से भरपूर फायदेमंद काली मिर्च के बढ़ते दाम खाने का स्वाद खराब कर रहे हैं. लेकिन अब हम आपको घर पर ही, इसे आसानी से गमले में लगाने का तरीका बता रहे हैं .आइए जानते हैं कि गमले में काली मिर्च कैसे लगाएं.
ऐसे गमले में लगाएं काली मिर्च-
सही गमले का चयन
काली मिर्च एक बेल वाला पौधा है, जिसे बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह चाहिए होती है. इसके पौधे को लगाने के लिए कम से कम 12-15 इंच गहरा और चौड़ा गमला लें. ध्यान रखें कि गमले में अच्छी जल निकासी के लिए छेद होने चाहिए. साथ ही कोशिश करें कि मिट्टी के गमले का इस्तेमाल करें क्योंकि यह नमी बनाए रखने में मदद करता है.
बीजों का चयन
पौधा लगाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले जैविक काली मिर्च के बीज चुनें.सबसे पहले बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें ताकि उनकी अंकुरण क्षमता बढ़ जाए.फिर एक छोटे गमले में नमी युक्त मिट्टी डालकर उसमें बीज बोएं और हल्की धूप में रख दें. 4-6 सप्ताह में छोटे पौधे निकलने लगेंगे और जब वे मजबूत हो जाएं, तो उन्हें बड़े गमले में ट्रांसप्लांट कर दें.
मिट्टी की तैयारी
गमले की मिट्टी को जैविक खाद और कोकोपीट मिलाकर तैयार करें.इसकी मिट्टी में अच्छी मात्रा में नमी होनी चाहिए, लेकिन जलभराव से बचें.अब छोटे पौधों को गमले में लगाकर हल्की धूप में रखें.
पोषण का ध्यान
गमले में लगाए गए पौधों को नियमित रूप से पानी दें. हर महीने जैविक खाद या वर्मीकंपोस्ट डालें, जिससे पौधे को भरपूर पोषण मिल सके.
बेल के लिए सहारा
काली मिर्च एक बेलदार पौधा है, इसलिए इसे बढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है. आप इसे सहारा देने के लिए लकड़ी की छड़ी या ट्रीलिस का उपयोग कर सकते हैं.
कीट और रोग नियंत्रण
गमले में उगाए गए पौधे अधिक संवेदनशील होते हैं, ऐसे में नियमित रूप से सूखी और खराब पत्तियों को हटा दें. साथ ही समय-समय पर कीटों का निरीक्षण करें.अगर पौधों पर कीट नजर आने लगें, तो नीम का तेल छिड़काव करें.
फसल कटाई
काली मिर्च के दाने लगभग 2-3 साल में तैयार होते हैं.जब फल हरे से लाल होने लगें, तो उन्हें तोड़कर धूप में सुखा लें. सुखाने के बाद वे काली मिर्च के दाने बन जाते हैं, जिसके बाद आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.