लहसुन की खेती से होगी अच्छी कमाई, जानें बुवाई से लेकर कटाई तक की जानकारी

लहसुन की खेती अगर सही समय, बेहतर देखभाल और तकनीकी उपायों के साथ की जाए, तो अच्छी आमदनी का जरिया बन सकती है.

नोएडा | Published: 10 Apr, 2025 | 10:42 AM

लहसुन की खेती किसानों के लिए एक फायदेमंद फसल बन सकती है, अगर इसे सही मौसम और तरीके से किया जाए. अक्टूबर से नवंबर के बीच लहसुन की बुवाई का सबसे अच्छा समय होता है. इसमें खास बात यह है कि अच्छी उपज के लिए मिट्टी, बीज, सिंचाई और देखभाल का सही ढंग से ध्यान रखना जरूरी होता है. आइए जानते हैं लहसुन की खेती के सभी जरूरी चरणों के बारे में आसान भाषा में.

 मिट्टी की तैयारी

लहसुन की अच्छी फसल के लिए भुरभुरी और पानी की निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. खेत की मिट्टी को 4-5 बार गहराई से जोतना चाहिए ताकि वह नरम और उपजाऊ बन सके. आखिरी जुताई के समय, यानी बुवाई से करीब 3 हफ्ते पहले, खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिला देना चाहिए. इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और लहसुन को जरूरी पोषण मिलता है.

बीज का चयन और बुवाई

लहसुन की खेती के लिए स्वस्थ और बड़े आकार के कंदों की कलियों को बीज के रूप में चुनना चाहिए. इन कलियों को अलग-अलग कर के खेत में बोया जाता है. लहसुन की कलियों को 10 से 12 सेंटीमीटर की दूरी पर और पंक्तियों के बीच 15 से 20 सेंटीमीटर का फासला रखते हुए लगाना चाहिए. बुवाई के समय कलियों को लगभग 5 से 6 सेंटीमीटर की गहराई में मिट्टी में दबाना चाहिए.

सिंचाई और खाद

लहसुन की फसल को समय-समय पर पानी देना जरूरी होता है, लेकिन खेत में पानी ज्यादा नहीं भरना चाहिए क्योंकि इससे फसल सड़ सकती है. जब फसल पकने लगे और पत्तियाँ पीली पड़ने लगें, उस समय सिंचाई बंद कर देनी चाहिए. इसके साथ ही, फसल को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्वों वाली खाद देना लाभकारी होता है.

खरपतवार और रोग से बचाव

खरपतवार यानी बेकार की घास लहसुन की फसल की बढ़वार में रुकावट डालती है, इसलिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना जरूरी है. लहसुन की फसल में कीट और रोगों का खतरा भी बना रहता है, जिससे बचाव के लिए जैविक या रासायनिक उपाय अपनाए जा सकते हैं. रोग की स्थिति में कृषि विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

कटाई और सुखाना

जब लहसुन की पत्तियां पीली पड़ने लगें और सूखने लगें, तब यह संकेत होता है कि फसल कटाई के लिए तैयार है. कटाई के बाद लहसुन को धीरे-धीरे मिट्टी से निकालें और 3 से 4 दिनों तक छाया में सुखाएं. सुखाने के बाद पत्तियों को 2-3 सेंटीमीटर छोड़कर काटा जा सकता है या 25-30 गांठों को एक साथ बाँधकर गूछियां बनाई जा सकती हैं.

लहसुन की खेती अगर सही समय, बेहतर देखभाल और तकनीकी उपायों के साथ की जाए, तो अच्छी आमदनी का जरिया बन सकती है. मिट्टी की क्वालिटी से लेकर सिंचाई, खाद और फसल की कटाई तक हर चरण में सावधानी बरतना जरूरी है. इस मौसम में किसान लहसुन की खेती शुरू कर अपने खेत से अच्छी कमाई कर सकते हैं.