दालचीनी भारतीय रसोई का एक जरूरी मसाला है, जो न केवल अपने अनोखे स्वाद और सुगंध के लिए लोकप्रिय है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं. यही वजह है कि इसका इस्तेमाल रोजाना के खाने में किया जाता है. हालांकि, हाल के कुछ सालों में दालचीनी के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हो रही है.
बाजार में बड़ी तादात में नकली दालचीनी बेची जा रही है, जो की सेहत के लिए हानिकारक है. इसलिए, असली और नकली दालचीनी की पहचान करना बेहद जरूरी है. ऐसे में हम आपको असली और नकली दालचीनी की पहचान करने के आसान तरीके बताएंगे.
असली और नकली दालचीनी में अंतर
1. बनावट से पहचानें
असली दालचीनी हल्की और पतली परतों वाली होती है, जो आसानी से टूट जाती है.
नकली दालचीनी मोटी और कठोर होती है, जिससे इसे तोड़ना मुश्किल होता है.
2. सुगंध से पहचानें
असली दालचीनी की खुशबू तेज और मीठी होती है, जो दूर से ही महसूस की जा सकती है.
नकली दालचीनी में सुगंध हल्की होती है और कभी-कभी कृत्रिम खुशबू भी मिलाई जाती है.
3. स्वाद से पहचानें
असली दालचीनी मीठी और हल्की तीखी होती है.
नकली दालचीनी का स्वाद बहुत ज्यादा कड़वा या तीखा हो सकता है.
4. पानी में डालकर जांचें
असली दालचीनी को पानी में डालने पर वह धीरे-धीरे घुलती है और पानी में हल्का रंग छोड़ती है.
नकली दालचीनी तुरंत रंग छोड़ देती है, जिससे पता चलता है कि उसमें मिलावट है.
5. लेबल और स्रोत की जांच करें
हमेशा प्रमाणित और विश्वसनीय ब्रांड की ही दालचीनी खरीदें.
स्थानीय बाजारों में खुले में मिलने वाली दालचीनी से बचें, क्योंकि उनमें मिलावट की संभावना अधिक होती है.
नकली दालचीनी के नुकसान
नकली दालचीनी में मौजूद हानिकारक तत्व स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह लिवर और किडनी पर बुरा प्रभाव डालते हैं. लंबे समय तक इसके सेवन से पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.