भिंडी की खेती के लिए बेस्ट खाद, मिलेगी जबरदस्त पैदावार

भिंडी की खेती में सही फर्टिलाइजर या खाद का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. अगर आप रासायनिक फर्टिलाइजर की जगह जैविक फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं, तो यह स्वास्थ्य के साथ-साथ, पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता.

Noida | Updated On: 26 Mar, 2025 | 02:29 PM

भिंडी (Abelmoschus esculentus), जिसे आमतौर पर “ऑकरा” भी कहा जाता है, भारत में यह एक महत्वपूर्ण सब्जी है, जिसकी खेती देश के अधिकतर हिस्सों में की जाती है. यह न केवल भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है, बल्कि यह व्यावसायिक रूप से भी फायदेमंद है. ऐसे में किसानों को भिंडी के पौधे की वृद्धि तेज करने और इसकी फसल को उपजाऊ बनाने के लिए खाद का इस्तेमाल करना चाहिए.

लेकिन ये बेहद जरूरी है कि भिंडी की खेती में सही फर्टिलाइजर या खाद का इस्तेमाल हो. अगर आप रासायनिक फर्टिलाइजर की जगह जैविक फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं, तो यह हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ, पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता. तो आइए जानते हैं भिंडी की खेती के लिए कुछ बेहतरीन जैविक फर्टिलाइजर के बारे में, जिससे आपकी फसल होगी दोगुनी.

गोबर की खाद

गोबर की खाद एक सस्ता और बहुत फायदेमंद जैविक फर्टिलाइजर है. इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्व होते हैं, जिससे भिंडी की पौधों को बढ़ने में मदद मिलती हैं. यह मिट्टी को भी अच्छा बनाता है. बुआई के समय गोबर की खाद को मिट्टी में अच्छे से मिला दें. इससे फसल की उपज बढ़ेगी.

वर्मी कम्पोस्ट

वर्मी कम्पोस्ट एक और बेहतरीन जैविक खाद है. यह मिट्टी में जान लाती है और पौधों को मजबूत बनाती है. यह फसल को रोगों से भी बचाती है.

नीम की खल

नीम की खल में कीटनाशक गुण होते हैं, जो भिंडी के पौधों को स्वस्थ रखते हैं. यह पौधों को कीटों और रोगों से बचाती है. नीम की खल को मिट्टी में मिला कर बुआई के समय या जब पौधे छोटे हों, तब डालें.

गाय के मूत्र का अर्क

गाय के मूत्र का अर्क भिंडी की पौधों की तेजी से बढ़ने में मदद करता है और उन्हें रोगों से बचाता है. इसमें बैक्टीरिया और फंगस को मारने के गुण होते हैं. इसे पानी में मिला कर पौधों पर स्प्रे करें या मिट्टी में डालें. खासकर जब पौधे छोटे होते हैं, तब इसका इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद होता है.

DAP (डायमोनियम फास्फेट)

DAP एक जैविक फर्टिलाइजर है, जो पौधों की जड़ को मजबूत करता है और फूलों और फलों की संख्या बढ़ाता है. भिंडी को फास्फोरस की जरूरत ज्यादा होती है, इसलिए यह उर्वरक खासतौर से भिंडी के लिए अच्छा है. इसे बुआई के समय मिट्टी में मिला कर डालें.

जैविक उर्वरक के इस्तेमाल के टिप्स

-फर्टिलाइजर का सही समय पर उपयोग बहुत जरूरी है. खासकर बुआई के समय और पौधों की वृद्धि के विभिन्न चरणों में फर्टिलाइजर का सही इस्तेमाल करें.

-फर्टिलाइजर डालने से पहले मिट्टी की जांच करवाएं, ताकि आप जान सकें कि मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है.

-जैविक फर्टिलाइजर का सही असर देखने के लिए पौधों को अच्छे से पानी दें. इससे उर्वरक मिट्टी में अच्छे से समा जाते हैं और पौधों को सही पोषण मिलता है.

Published: 26 Mar, 2025 | 02:29 PM