बाकी राज्यों की तरह ही बिहार में भी गेहूं की खरीद शुरू होने को है. यहां पर एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी. राज्य सरकार की तरफ से इस बारे में पिछले दिनों जानकारी दी गई है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी फसल बेच सकेंगे. सरकार की तरफ से अधिकारियों को सभी जरूरी निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को परेशानी का सामना न करना पड़े.
इस बार कितना है एमएसपी
सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार की तरफ से पिछले दिनों बताया गया है कि राज्य में गेहूं खरीद अभियान एक अप्रैल से शुरू होगा. रजिस्टर्ड किसान एमएसपी की बढ़ी हुई दर पर प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को अपनी उपज बेच सकेंगे. उन्होंने बताया कि पंजीकृत किसान 2,428 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी दर पर अपना गेहूं बेच पाएंगे. गेहूं के लिए पिछला एमएसपी 2,275 रुपये प्रति क्विंटल था और पिछले सीजन की तुलना में इसमें 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि फरवरी में धान खरीद अभियान खत्म होने के बाद यह किसानों की इनकम को और बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा.
तुरंत रजिस्ट्रेशन कराएं किसान
उन्होंने बताया कि 4.83 लाख किसानों ने 6,732 पीएसीएस को एमएसपी दरों पर धान बेचा. उनके बैंक खातों में 9,120 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य का एक और किसानों की उगाई गई सब्जियों के विपणन की सुविधा के लिए सभी 534 ब्लॉकों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों (पीवीसीएस) का विस्तार करना है. उन्होंने बताया कि पीवीसीएस को क्षेत्रीय सब्जी संघों के साथ जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक 24,324 किसानों ने एजेंसियों के समक्ष गेहूं की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है. सरकार के मुताबिक गेहूं की खरीद सिर्फ रजिस्टर्ड किसानों से ही की जाएगी. ऐसे किसान जिन्होंने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, तुरंत अपना रजिस्ट्रेशन करा लें.
इस बार गेहूं की फसल होगी बंपर!
गेहूं, रबी सीजन की सबसे प्रमुख फसल है और अब इसकी कटाई शुरू हो चुकी है. मौसम में बदलाव को लेकर किसान और कृषि विशेषज्ञ गेहूं की पैदावार को लेकर खासे परेशान थे. राजस्थान के कुछ जिलों को छोड़कर बाकी सभी उत्पादक राज्यों में इस साल गेहूं की फसल की स्थिति को लेकर कोई चिंता नहीं है. किसानों को उम्मीद है कि पिछले साल की तुलना में इस बार पैदावार कम से कम 10 फीसदी ज्यादा होगी. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस साल गेहूं की बुवाई का रकबा 3.44 करोड़ हेक्टेयर है. यह पिछले साल के 3.40 करोड़ हेक्टेयर से ज्यादा है. इसके अलावा, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास 1 मार्च तक 113 लाख टन गेहूं का स्टॉक था, जो पिछले साल की समान अवधि में 134 लाख टन था. हालांकि, यह स्टॉक बफर स्टॉक मानदंडों के अनुसार पर्याप्त है.