साल 2025-26 के खरीदी साल के लिए गेहूं की खरीद तेजी से शुरू हो गई है. इसे आने वाले महीनों में सीजन के लिए एक गुडलक करार दिया जा रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो इस स्पीड से गेहूं की खरीद अगर जारी रही तो किसानों को इस सीजन में अच्छा फायदा हो सकता है. अभी तक मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है, जबकि पंजाब और हरियाणा में अप्रैल से इसकी शुरुआत होगी.
मध्य प्रदेश में हुई रिकॉर्ड तोड़ खरीद
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि 23 मार्च तक मध्य प्रदेश में अब तक करीब 1,45,512 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. यह आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में खरीदे गए 14,233 टन से काफी ज्यादा है. वहीं, बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो राजस्थान में खरीद की शुरूआत के साथ ही करीब 900 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. वेबसाइट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मध्य प्रदेश में 15 मार्च को खरीद शुरू होने के बाद से करीब 17,000 टन की खरीद हो चुकी है और राजस्थान में 10 मार्च को खरीद शुरू होने के बाद से यह 3,000 टन से ज्यादा की खरीद हो चुकी है.
इस बार होगी ज्यादा खरीद
सरकार ने अनुमान लगाया है कि 2025-26 में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 115 मिलियन टन से अधिक होगा जो इस वर्ष के 113.29 मिलियन टन से अधिक है. दूसरी ओर केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा के प्रबंधन और बाजार में अटकलों को रोकने की महत्वपूर्ण रणनीति के तहत बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने 1 अप्रैल से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यापारियों, होलसेलर्स, रिटेलर्स और प्रोसेसर्स के लिए गेहूं स्टॉक रिपोर्टिंग को अनिवार्य कर दिया है.
स्टॉक की जानकारी देना अनिवार्य
सरकार की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, निर्देश के तहत, सभी कानूनी संस्थाओं को अगली सूचना तक हर शुक्रवार को सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर अपने गेहूं स्टॉक की स्थिति घोषित करनी होगी. वर्तमान में लागू गेहूं स्टॉक सीमा 31 मार्च को समाप्त होने वाली है. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और पूरे देश में गेहूं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध्ता की बारीकी से निगरानी करेगा. सरकार ने कहा है कि जिन संस्थाओं ने अभी तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वह तुरंत रजिस्ट्रेशन करा लें.