किसानों के लिए सरकार ने खोला खजाना, गन्ना मूल्य बढ़ाया.. कृषि पर कई बड़े ऐलान

किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने के लिए 8,186 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. गन्ना का लाभकारी मूल्य बढ़ाने के साथ ही धान समेत अन्य फसलों और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी राशि को बढ़ाने के ऐलान किए गए हैं.

Noida | Updated On: 15 Mar, 2025 | 06:20 PM

कृषि विकास पर फोकस करते हुए तमिलनाडु सरकार ने कृषि बजट को 8 फीसदी बढ़ा दिया है. बजट में खेती-किसानी के लिए कई बडे़ ऐलान किए गए हैं. काजू किसानों के लिए 10 करोड़ की लागत से बोर्ड बनेगा और खाद-बीज उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्यभर में 1 हजार से ज्यादा किसान सेवा केंद्र खुलेंगे. सिंचाई के लिए सौर पंपसेट लगवाने पर किसानों को 70 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी. राज्य सरकार ने कृषि बजट 2025-26 में फसल विविधीकरण, जैविक खेती, कृषि यंत्र और किसानों की आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है.

तमिलनाडु सरकार ने शनिवार को अपना पांचवां विशेष कृषि बजट पेश कर दिया है. बजट में 2024-25 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2025-26 के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल आवंटन में 8 फीसदी का इजाफा किया है. राज्य ने पिछले वर्ष के 42,282 करोड़ रुपये से बढ़कर 45,661 करोड़ रुपये कृषि क्षेत्र के लिए आवंटित किया है. कृषि मंत्री एम आर के पन्नीरसेल्वम ने बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य का सकल फसली क्षेत्र 2019-20 में 146.77 लाख एकड़ से बढ़कर 2023-24 में 151 लाख एकड़ हो गया है, जबकि दोहरी फसल वाला क्षेत्र 29.74 लाख एकड़ से बढ़कर 33.60 लाख एकड़ हो गया है.

रागी, मक्का, गन्ना और तिलहन उत्पादन बढ़ा

कृषि मंत्री एम आर के पन्नीरसेल्वम ने कहा कि राज्य ने कृषि उत्पादन में भारी उछाल दर्ज किया है. राष्ट्रीय स्तर पर रागी उत्पादन में राज्य पहले स्थान पहुंच गया है. जबकि, मक्का, तिलहन और गन्ना में दूसरा और मूंगफली और छोटे बाजरा में तीसरा स्थान हासिल किया है. उन्होंने कहा कि 2023-24 में बागवानी फसलों के तहत कुल क्षेत्रफल 16.3 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. सरकार ने खाद्य सब्सिडी आवंटन को पिछले वर्ष के 10,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2025-26 में 12,500 करोड़ रुपये कर दिया है.

गन्ना का लाभकारी मूल्य बढ़ाने का ऐलान

उन्होंने कहा कि धान खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए 525 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. किसानों की बिजली की जरूरतों के लिए राज्य तमिलनाडु विद्युत वितरण निगम को मुफ्त बिजली कनेक्शन सुनिश्चित करने के लिए 8,186 करोड़ रुपये प्रदान करेगा, जो 2024-25 में 6,962.93 करोड़ रुपये से अधिक है. गन्ना किसानों के लिए सरकार ने केंद्र सरकार के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) पर 349 रुपये प्रति मीट्रिक टन (एमटी) प्रोत्साहन पेश किया है. इससे कुल कीमत 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन हो गई है. इस पहल से 297 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 1.3 लाख किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है.

कृषि मशीनों पर सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा

राज्य कृषि मशीनीकरण को भी बढ़ावा देने के लिए 10.5 करोड़ रुपये की सब्सिडी के साथ 130 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने की योजना है. 2025-26 में तमिलनाडु छोटे और सीमांत किसानों को 7,900 पावर टिलर और 6,000 पावर वीडर वितरित करेगा. अखिल ग्राम एकीकृत कृषि विकास कार्यक्रम के तहत गांवों को 5,000 कृषि मशीनें और उपकरण दिए जाएंगे. कृषि यंत्रीकरण योजना को 215.80 करोड़ रुपये खर्च कर 17,000 किसानों मशीनें दी जाएंगी. छोटे धान रोपाई मशीनों के लिए सब्सिडी 1.5 लाख से बढ़ाकर 1.7 लाख रुपये की जाएगी, जबकि पावर वीडर के लिए सब्सिडी 63,000 से बढ़ाकर 85,000 रुपये करने का ऐलान किया है.

खाद-बीज के लिए किसान सेवा केंद्र बनेंगे

सरकार 1,000 मुख्यमंत्री किसान सेवा केंद्र स्थापित करेगी. 10-20 लाख रुपये की लागत वाले प्रत्येक केंद्र को 3-6 लाख रुपये की 30 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. इसका उद्देश्य किसानों को बीज, उर्वरक, खेती मार्गदर्शन और आधुनिक कृषि तकनीक उपलब्ध कराना होगा.

कृषि से जुड़े कई बड़े ऐलान

पोषण खेती मिशन – पोषण सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए 125 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा- 37 जिलों के 7,500 किसानों को सहायता देने के लिए 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
बीज फार्म और प्रॉसेसिंग यूनिट – बीज फार्मों के लिए 250 करोड़ रुपये और सात राज्य बीज प्रॉसेसिंग यूनिट के लिए 15.05 करोड़ रुपये आवंटित.
फसल बीमा योजना- 35 लाख एकड़ के लिए प्रीमियम सब्सिडी के राज्य हिस्से के रूप में 841 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
सहकारी फसल ऋण- कृषि लोन जरूरतों के लिए 17,000 करोड़ तय किए गए हैं.
मक्का उत्पादन – 1.87 लाख एकड़ के लिए 40.27 करोड़ रुपये का लाभ 79,000 किसानों को मिलेगा.
काजू बोर्ड- काजू किसानों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 10 करोड़ की लागत से बोर्ड बनेगा.
किसानों के लिए सौर पंपसेट- 1,000 किसानों के लिए सौर पंप बनाने के लिए 24 करोड़ खर्च होंगे. किसानों को 70 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी.
मिनी डेयरी योजना – स्थिर आय के लिए 4 फीसदी ब्याज अनुदान के साथ 5,000 दूध उत्पादकों को लोन दिया जाएगा.

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Published: 15 Mar, 2025 | 05:44 PM