पंजाब में कपास की खेती को मिलेगा बढ़ावा, सरकार देगी बीजों पर 33% सब्सिडी

कृषि विभाग ने इस साल कपास की खेती का क्षेत्रफल कम से कम 1.25 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है.

नई दिल्ली | Published: 21 Apr, 2025 | 11:06 AM

पंजाब के किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण सामने आई है. लगातार पानी की कमी और एक ही तरह की फसल चक्र से जूझ रहे किसान अब अपनी खेती में बदलाव ला सकेंगे. पंजाब सरकार ने राज्य में कपास की खेती को बढ़ावा देने के लिए BT कपास के बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है. यह कदम खेती में बदलाव लाने और अलग-अलग फसलें उगाने को बढ़ावा देने की एक बड़ी और जरूरी कोशिश मानी जा रही है.

धान का विकल्प

दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में कपास एक महत्वपूर्ण खरीफ फसल है. धान जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसल के मुकाबले कपास ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है. साथ ही यह राज्य की अर्थव्यवस्था और कपड़ा उद्योग के लिए भी बेहद फायदेमंद है.

कृषि विभाग ने इस साल कपास की खेती का क्षेत्रफल कम से कम 1.25 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है. इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि भूजल का संरक्षण भी हो सकेगा.

PAU द्वारा अनुशंसित बीजों पर ही सब्सिडी

यह सब्सिडी सिर्फ उन्हीं बीजों पर मिलेगी, जो पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU), लुधियाना से प्रमाणित और सुझाए गए हैं. सरकार का लक्ष्य किसानों को कम उपज देने वाले या नकली बीजों से बचाना है और उन्हें उन्नत, रोग प्रतिरोधक और अधिक उत्पादन देने वाले BT बीजों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है.

20 करोड़ रुपये का बजट

राज्य के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदीयां ने बताया कि इस योजना के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. किसान अधिकतम 5 एकड़ या 10 पैकेट (प्रत्येक 475 ग्राम) बीज पर ही इस सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं.

किसानों से आग्रह किया गया है कि वे बीज खरीदते समय मूल बिल जरूर लें और केवल अधिकृत केंद्रों से ही खरीदारी करें. विभाग द्वारा नियमित जांच और निगरानी भी की जाएगी ताकि पड़ोसी राज्यों से नकली बीज न आ सकें.

सरकार की अपील

मंत्री खुदीयां ने किसानों से आग्रह किया कि वे इस सुनहरे मौके का लाभ उठाएं और कपास की खेती की ओर कदम बढ़ाएं. यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि उनकी आमदनी को भी स्थायी रूप से बढ़ा सकता है.