मदर डेयरी ने दूध के दामों में बढ़ोत्तरी की घोषणा की है और 2 रुपये प्रति लीटर दूध की कीमत बढ़ा दी है. लेकिन, दाम बढ़ोत्तरी की वजह किसानों से दूध की खरीद लागत बढ़ना बताया है. क्योंकि गर्मी जल्दी शुरू हो गई है और लू की स्थिति बनने से खरीद लागत बढ़ी है. मदर डेयरी के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि यह मूल्य वृद्धि बढ़ती लागत का आंशिक समायोजन मात्र है और इसका उद्देश्य किसानों और उपभोक्ताओं दोनों की जरूरतों को संतुलित करना है.
30 अप्रैल से 2 रुपये महंगा मिलेगा दूध
मदर डेयरी ने बुधवार से दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की है. यानी 30 तारीख की सुबह जब आप दूध खरीदने जाएंगे तो आपको बढ़ी हुई कीमत चुकानी होगी. कंपनी के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नई कीमतें 30 अप्रैल 2025 से दिल्ली एनसीआर समेत उन सभी क्षेत्रों में लागू होंगी, जहां मदर डेयरी अपने प्रोडक्ट बेचती है. मदर डेयरी अपने आउटलेट, जनरल ट्रेड और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए दिल्ली-एनसीआर मार्केट में हर दिन लगभग 35 लाख लीटर दूध बेचती है.
खरीद लागत बढ़ना बताई गई वजह
मदर डेयरी के अधिकारी ने कहा कि खरीद लागत में उल्लेखनीय इजाफे को देखते यह मूल्य संशोधन जरूरी हो गया है, जो पिछले कुछ महीनों में 4-5 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गया है. कंपनी के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि यह मूल्य वृद्धि बढ़ती लागत का आंशिक समायोजन मात्र है और इसका उद्देश्य किसानों और उपभोक्ताओं दोनों की जरूरतों को संतुलित करना है.
अब कितने रुपये में मिलेगा दूध
- दिल्ली-एनसीआर में खुले (थोक में बिकने वाले) टोंड दूध की कीमत 54 रुपये से बढ़कर 56 रुपये प्रति लीटर हो गई है.
- पाउच में फुल क्रीम दूध अब 68 रुपये से बढ़कर 69 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा.
- पाउच में टोंड दूध की कीमत 56 रुपये से बढ़ाकर 57 रुपये कर दी गई है.
- डबल टोंड दूध की कीमत अब 49 रुपये से बढ़कर 51 रुपये हो गई है.
- गाय का दूध भी महंगा हो गया है, जो 57 रुपये से बढ़कर 59 रुपये प्रति लीटर हो गया है.

Mother Dairy Milk Price
क्या बोले एक्सपर्ट
मदर डेयरी ने कहा कि दूध खरीदने के लिए उनके द्वारा चुकाई जाने वाली कीमत में वृद्धि मुख्य रूप से इसलिए हुई है क्योंकि गर्मी जल्दी शुरू हो गई है और लू की स्थिति बन गई है. दूध कीमतों में बढ़ोत्तरी के फैसले पर एक्सपर्ट ने कहा कि गर्मियों में तापमान बढ़ने से दुधारू पशुओं की दूध उत्पादन मात्रा प्रभावित होती है.
हालांकि, कीमतों में बढ़ोत्तरी की आलोचना करने वालों का कहना है कि कंपनियां गर्मी के दौरान उत्पादन में गिरावट और खरीद लागत ज्यादा होने के बहाने उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ा देती है. कीमतें बढ़ाने की वजह किसानों को क्यों बताई जाती है, जबकि निचले स्तर पर ज्यादातर किसानों को तो दूध के दाम बढ़कर नहीं मिल पाते हैं.