छत्तीसगढ़ की विष्णु देओ साय कह सरकार ने सोमवार को दूसरा बजट पेश कर दिया. वित्त मंत्री ओपी चौधरी की तरफ से पेश इस बजट में 10,000 करोड़ रुपये कृषक उन्नति योजना के लिए तय किए गए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च 2024 में फैसला किया था कि इस योजना को लागू किया जाएगा. किसानों को योजना के तहत 2023-2024 से फायदा दिया गया. योजना का मकसद किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के मकसद से कृषक उन्नति योजना की शुरुआत की गई है.
क्या है इस योजना का मकसद
राज्य के किसानों के हित में फसल उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए, फसल की लागत में कमी करने के लिए यह योजना लागू की गई है. साय कैबिनेट की तरफ से लिए गए फैसले में कृषक उन्नति योजना के लागू होने से जुड़ा जो प्रस्ताव आया, उसके तहत खरीफ वर्ष 2023 में धान खरीदी के आधार पर किसानों को प्रति एकड़ 19,257 रुपये के मान से सहायता राशि प्रदान की जाए. मार्च 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार ने धान के 20 लाख से ज्यादा किसानों को 13,320 करोड़ रुपए जारी किये थे.
एमएसपी पर बिकती है फसल
राज्य में 2023-24 खरीफ सीजन के लिये धान की खरीद 1 नवंबर से 4 फरवरी 2024 के बीच हुई थी.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 2.4 मिलियन से अधिक किसानों से करीब 145 लाख मीट्रिक टन (MT) धान खरीदा गया था.
सामान्य ग्रेड धान के लिये MSP 2183 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड A धान के लिये 2203 रुपए था.
MPS से अंतर की राशि किसानों को 917 रुपए प्रति क्विंटल की दर से इनपुट सहायता के तौर पर दी गई.
दिसंबर 2023 में किसानों को दो साल का 2014-15 और 2015-16 के लिये 3,716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस भी दिया गया.
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा है कि किसानों को उचित दाम पर अपनी फसल बेचने का मौका मिलता है.
इस योजना के जरिए, कृषि के लिए उन्नत तकनीकों को बढ़ावा दिया जाता है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरती है.
इस साल टूटा धान खरीद का टारगेट
छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य योजना के तहत किसानों से 149 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है. यह आंकड़ा साल 2023-24 के 144.92 लाख टन के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है. भारत सरकार के साथ साइन हुए एक एमओयू के बाद राज्य सरकार की तरफ से कृषक उन्नति योजना शुरू की गई थी. इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसमें 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी के रुपए किसानों को दिए जाएंगे. राज्य सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीदती है.