खेत की रजिस्ट्री से पहले जानें ये जरूरी बातें, ताकि बाद में न हो पछतावा

सही तरीके से खेत की रजिस्ट्री करने से न सिर्फ जमीन के मालिकाना हक मितता है, बल्कि यह फसल ऋण, सब्सिडी, और अन्य सरकारी सहायता प्राप्त करने में भी मदद करता है.

Noida | Updated On: 4 Apr, 2025 | 09:28 AM

किसान के लिए खेत रजिस्ट्री (पंजीकरण) एक अहम और जरूरी प्रक्रिया है, जो उनकी भूमि के कानूनी अधिकारों को सुरक्षित करती है और उन्हें कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का मौका देती है. सही तरीके से खेत की रजिस्ट्री करने से न सिर्फ जमीन के मालिकाना हक मितता है, बल्कि यह फसल ऋण, सब्सिडी, और अन्य सरकारी सहायता प्राप्त करने में भी मदद करता है. हालांकि, खेत पंजीकरण के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, ताकि कोई भी कानूनी परेशानी न आए. आइए जानते हैं, खेत की रजिस्ट्री करते वक्त किन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.

सही दस्तावेज का होना

खेत पंजीकरण के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आपके पास जमीन के सारे दस्तावेज सही और अपडेटेड हों. इसमें जमीन की बिक्री, खरीद या पट्टा संबंधी कागजात, जमीन का खसरा नंबर, खतौनी और बिव्याद पत्र आदि शामिल हैं.

भूमि का सही माप

पंजीकरण से पहले अपने खेत की सही माप करवा लें. खेत का आकार और सीमाएं स्पष्ट रूप से निर्धारित होनी चाहिए ताकि कोई विवाद न हो.

राजस्व रिकॉर्ड की जांच

पंजीकरण से पहले सुनिश्चित करें कि भूमि के संबंधित राजस्व रिकॉर्ड ठीक हैं और उसमें कोई भी विवाद नहीं है.

मालिकाना हक का प्रमाण

यदि खेत पर अन्य किसी व्यक्ति का भी अधिकार है, तो उनका सहमति पत्र या प्रमाण पत्र भी जरूरी हो सकता है.

ऑनलाइन पंजीकरण ऑप्शन

कई राज्यों में अब खेत पंजीकरण का ऑनलाइन ऑप्शन उपलब्ध है. इसके लिए संबंधित राज्य की सरकार की वेबसाइट पर जाकर आपको आवेदन करना होगा.

भूमि के उपयोग का सही विवरण

खेत का उपयोग कृषि के लिए हो रहा है या अन्य कार्यों के लिए, इसका सही विवरण पंजीकरण फॉर्म में भरना जरूरी है.

समय पर पंजीकरण

खेत पंजीकरण के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करें, ताकि आप किसी प्रकार की कानूनी समस्या से बच सकें.

सहमति पत्र और गवाही

यदि खेत का कोई हिस्सा साझेदारी में है, तो उसके लिए सहमति पत्र और गवाहों की जरूरत हो सकती है. यह दस्तावेज पंजीकरण के दौरान सहायक होते हैं.

सम्बंधित अधिकारियों से मार्गदर्शन

खेत पंजीकरण से पहले संबंधित राजस्व विभाग या अन्य अधिकारियों से मदद भी ले सकते हैं, ताकि कोई भी जानकारी छूट न जाए.

Published: 4 Apr, 2025 | 09:28 AM