सरकारी गेहूं खरीद में जोरदार उछाल, यूपी पीछे, पंजाब-मध्य प्रदेश में हो रही बंपर खरीद

उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद काफी धीमी रही है. यहां पर अब तक केवल 0.64 मिलियन टन गेहूं खरीदी गई है, जबकि राज्य का लक्ष्य 3 मिलियन टन था.

नई दिल्ली | Published: 28 Apr, 2025 | 10:47 AM

इस बार भारत में गेहूं की सरकारी खरीद बेहद शानदार रही है. पिछले कुछ सालों से धीमी रही गेहूं खरीद में अब तेजी आई है. इससे सरकार अपने 31 मिलियन टन के लक्ष्य के करीब पहुंचने की उम्मीद कर रही है. इस साल की खरीद ने किसानों के बीच सकारात्मक माहौल बनाया है, खासकर पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में. वहीं उत्तर प्रदेश में गेंहू की खरीद थोड़ी धीमी रही है. आइए जानते हैं, गेहूं खरीद के इस सीजन में कौन से राज्य सबसे आगे हैं और क्या हैं मुख्य कारण?

पंजाब और मध्य प्रदेश में बंपर खरीद

इस बार पंजाब और मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है. पंजाब में अब तक 8.38 मिलियन टन गेहूं खरीदी जा चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 1.5 मिलियन टन अधिक है. वहीं, मध्य प्रदेश ने अपने गेहूं खरीद के लक्ष्य को बढ़ाकर 7 मिलियन टन कर दिया है और अब तक 6.14 मिलियन टन गेहूं खरीद चुका है. इन दोनों राज्यों में गेहूं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के आसपास बनी हुई हैं, जिससे किसान सरकारी एजेंसियों को गेहूं बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद काफी धीमी रही है. यहां पर अब तक केवल 0.64 मिलियन टन गेहूं खरीदी गई है, जबकि राज्य का लक्ष्य 3 मिलियन टन था. राज्य सरकार ने निजी व्यापारियों के माल भेजने पर अनौपचारिक रोक भी लगाई हुई है, जिसके कारण खरीद में और भी रुकावट आई है.

कुल खरीद में शानदार इजाफा

2025-26 मार्केटिंग सीजन (अप्रैल-जून) में अब तक कुल 29.7 मिलियन टन गेहूं की आवक हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले 84% अधिक है. यह आंकड़ा इस सीजन के समाप्त होने से पहले 31 मिलियन टन के लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीद है. इस साल की खरीद से सरकारी स्टोरेज में बढ़ोतरी होगी, जिससे पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सर्विसेज (PDS) और ओपन मार्केट में अनाज की कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सकेगा.

राज्यवार गेहूं खरीद का लक्ष्य

इस वर्ष सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें प्रमुख रूप से पंजाब से 12.4 मिलियन टन, हरियाणा से 7.5 मिलियन टन, मध्य प्रदेश से 6 मिलियन टन, उत्तर प्रदेश से 3 मिलियन टन, राजस्थान से 2 मिलियन टन और गुजरात से 0.1 मिलियन टन गेहूं खरीदी जाएगी. कुल मिलाकर, सरकार का उद्देश्य इस साल 31 मिलियन टन गेहूं खरीदने का है, जिससे किसानों को बेहतर समर्थन मिल सके और भंडारण की स्थिति मजबूत हो.

बाजार स्थिरता के लिए अहम कदम

सरकार की गेहूं खरीद फूड सिक्योरिटी और बाजार स्थिरता बनाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने सालाना लगभग 18.4 मिलियन टन गेहूं की आपूर्ति सामाजिक कल्याण योजनाओं और मुफ्त राशन स्कीम के तहत की जाती है. इस बार सरकार के पास अतिरिक्त गेहूं होगा, जिससे वो कीमतों पर नियंत्रण रख सकेगी और भविष्य में किसी आपात स्थिति के लिए पर्याप्त स्टोरेज सुनिश्चित कर सकेगी.